Book Title: Prakrit Vidya 1999 07
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 108
________________ इस अंक के लेखक/लेखिकायें ___ 1. बिशम्भरनाथ पांडे—आप उड़ीसा प्रांत के महामहिम राज्यपाल रहे हैं। भारतीय मनीषा के आप सुविख्यात हस्ताक्षर रहे हैं। आपकी अनेकों रचनायें विश्वविश्रुत रहीं, विशेषत: आपके देहावसान के बाद प्रकाशित 'भारत और मानव संस्कृति' के दो भाग आज विद्वज्जगत् में चर्चित हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख जैन-संस्कृति और तीर्थकर परंपरा' आपकी पुस्तक से उद्धत है। 2. डॉ० राजाराम जैन—आप मगध विश्वविद्यालय में प्राकृत, अपभ्रंश के प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त होकर श्री कुन्दकुन्द भारती जैन शोध संस्थान के निदेशक हैं। अनेकों महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों, पाठ्यपुस्तकों एवं शोध आलेखों के यशस्वी लेखक । इस अंक के अन्तर्गत प्रकाशित 'तिसट्ठि महापुराण-पुरिस-आयार-गुणालंकार' नामक शोध आलेख एवं कविता के लेखक आप हैं। स्थायी पता—महाजन टोली नं० 2, आरा-802301 (बिहार) 3. डॉ० विद्यावती जैन—आप मगध विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं तथा जैन-साहित्य एवं प्राकृतभाषा की अच्छी विदुषी हैं। आप प्रो० (डॉ०) राजाराम जैन की सहधर्मिणी हैं। इस अंक में प्रकाशित 'अपभ्रंश के आद्य महाकवि स्वयंभू एवं उनके नारीपात्र' शीर्षक कविता आपका है। स्थायी पता—महाजन टोली नं० 2, आरा-802301 (बिहार) 4. डॉ० राजमल जैन—जैन संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में आप एक जाने . माने हस्ताक्षर हैं। आपके द्वारा लिखे गये अनेकों पुस्तकें एवं लेख प्रकाशित हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी निरन्तर अध्ययन एवं लेखन के साथ-साथ शोधपूर्ण कार्यों में निरत रहते हैं। ___ इस अंक में प्रकाशित 'प्राचीन भारत पुस्तक में जैनधर्म-संबंधी कतिपय विचारणीय तथ्य' शीर्षक का आलेख आपकी शोधपूर्ण लेखनी से प्रसूत है। स्थायी पता—बी-1/324, जनकपुरी, नई दिल्ली-110058 5. प्राचार्य कुन्दनलाल जैन—दिल्ली के जैन शास्त्रागारों के सूचीकरण में आपका नाम विशेषत: उल्लेखनीय रहा है। आप अच्छे गवेषी लेखक हैं। इस अंक में प्रकाशित 'अपभ्रंश की सरस सशक्त कृति : चूनडीरासक' आपकी लेखनी से प्रसूत है। पता–68, श्रुतकुटी, युधिष्ठिर गली, विश्वास नगर, शाहदरा, दिल्ली-110032 6. डॉ० प्रेमचंद रांवका—आप हिन्दी-साहित्य के सुविज्ञ विद्वान् हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख 'हमारी बद्रीनाथ-यात्रा' आपके द्वारा रचित है। स्थायी पता-1910, खेजड़ों का रास्ता, जयपुर-302003 (राज०) 00 106 प्राकृतविद्या जुलाई-सितम्बर '99

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