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7. डॉ० रमेशचन्द्र जैन—आप जैन कालेज, बिजनौर (उ०प्र०)' में संस्कृत एवं जैनदर्शन के विभागाध्यक्ष हैं। ___इस अंक में प्रकाशित 'जिनधर्मप्रभावक आचार्यश्री विद्यानन्द जी' शीषेक आलेख आपके द्वारा रचित है।
स्थायी पता—जैन मंदिर के पास, बिजनौर-246701 (उ०प्र०)
8. डॉ० अभय प्रकाश जैन—आप शासकीय सेवा में होते हुये भी बौद्धिक अध्यवसाय के कार्यों में अच्छी रुचि लेते हैं तथा जैनविद्या के विविध क्षेत्रों पर चिंतन एवं लेखन का कार्य करते रहते हैं।
इस अंक में प्रकाशित 'डॉ० लुडविग अल्सडोर्फ' शीर्षक लेख आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता—एन०-14, चेतकपुरी, ग्वालियर-474009 (म०प्र०)
9. डॉ० सुदीप जैन श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली में प्राकृतभाषा विभाग में उपाचार्य (रीडर) एवं विभागाध्यक्ष होने के साथ-साथ प्राकृतभाषा पाठ्यक्रम के संयोजक भी हैं। अनेकों पुस्तकों के लेखक, सम्पादक। प्रस्तुत पत्रिका के 'मानद सम्पादक' ।
इस अंक में प्रकाशित सम्पादकीय' के अतिरिक्त 'आदिब्रह्मा तीर्थंकर ऋषभदेव' नामक आलेख आपके द्वारा लिखित हैं।
स्थायी पता—बी-32, छत्तरपुर एक्सटेंशन, नंदा फार्म के पीछे, नई दिल्ली-110030
10. श्रीमती रंजना जैन—हिन्दी साहित्य, जैनदर्शन एवं प्राकृतभाषा की विदुषी लेखिका हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख 'अहिंसा : एक विश्वधर्म' शीर्षक आलेख आपके द्वारा विरचित है। स्थायी पता—बी-32, छत्तरपुर एक्सटेंशन, नंदा फार्म के पीछे, नई दिल्ली-110030
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प्राकृतविद्या के स्वत्वाधिकारी एवं प्रकाशक श्री सुरेशचन्द्र जैन, मंत्री, श्री कुन्दकुन्द भारती, 18-बी, स्पेशल इन्स्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली-110067 द्वारा प्रकाशित; एवं मुद्रक श्री महेन्द्र कुमार जैन द्वारा, पृथा ऑफसेट्स प्रा० लि०, नई दिल्ली-110028 पर मुद्रित ।
भारत सरकार पंजीयन संख्या 48869/89
प्राकृतविद्या जुलाई-सितम्बर '99
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