Book Title: Prakrit Gadya Padya Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 173
________________ अत्थो = धन जीवं (अत्थ) 11 (जीव) 1/1 = प्राण अव्यय = निश्चित रूप से = व्यक्ति का पुरिसस्स (पुरिस) 6/1 20. गन्थच्चाओ इन्दियणिवारणे [(गन्थ)-(च्चाअ) 1/1] [(इंदिय)-(णिवारण) 7/1] अंकुसो (अंकुस) 1/1 = परिग्रह-त्याग = इन्द्रियों को (विषयों से) दूर रखने में = अंकुश (हाथी को वश में करने वाला हथियार) = जैसे = हाथी के लिए = नगर के लिए अव्यय हत्थिस्स णयरस्स (हत्थि ) 4/1 (णयर) 4/1 (खाइया) 1/1 खाइया -खाई अव्यय ही इन्दियगुत्ती असंगतं अव्यय [(इंदिय)-(गुत्ति) 1/1] (असंगत्त) 1/1 = और = इन्द्रिय संयम = असंगता 21. पेच्छदि अववददि गुणे अव्यय (गुण) 2/2 (पेच्छ) व 3/1 सक (अववद) व 3/1 सक (गुण) 2/2 (जंप) व 3/1 सक (अजप) विधिकृ 1/1 अव्यय (रोस) 3/1 = नहीं = गुणों को = देखता है = निन्दा करता है = गुणों (की) को = कहता है = नहीं कहने योग्य = और - क्रोध के कारण जंपदि अजंपिदव्वं रोसेण 166 प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग-2 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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