Book Title: Prakrit Abhyas Uttar Pustak Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 6
________________ पाठ संख्या पाठ 29 पाठ 33 160 पाठ 37 पाठ 41 164 पाठ44 166 167 168 विषय पृष्ठ संख्या हेत्वर्थक कृदन्त 160 अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा (एकवचन, बहुवचन) अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा 163 (एकवचन, बहुवचन) आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा (एकवचन, बहुवचन) भूतकाल, भूतकालिक कृदन्त (कर्तृवाच्य) वर्तमान कृदन्त भूतकालिक कृदन्त (भाववाच्य) अकर्मक क्रियाएँ (भाववाच्य) विधि कृदन्त (भाववाच्य) सकर्मक क्रियाएँ एवं मिश्रित वाक्य कर्मवाच्य भूतकालिक कृदन्त (कर्मवाच्य) विधि कृदन्त (कर्मवाच्य) 174 विविध कृदन्त-द्वितीया सहित संज्ञा, चतुर्थी, षष्ठी (एकवचन, बहुवचन) 175 अकारान्त पुलिंग संज्ञा, पंचमी (एकवचन) 177 संज्ञा, सप्तमी (एकवचन) संज्ञा, सम्बोधन (एकवचन, बहुवचन) विविध सर्वनाम अव्यय 169 169 पाठ 46 पाठ 48 पाठ 50 पाठ 53 पाठ 56 पाठ 58 पाठ 63 . पाठ 65 पाठ 70 पाठ 71 172 173 175 177 178 पाठ 77 पाठ 80 पाठ 81 178 179 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 192