Book Title: Prakaranmala
Author(s): Harishankar Kalidas Vadhvanwala
Publisher: Bhogilal Tarachand Shah

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Page 13
________________ जलचर, थलचर अने खेचर तेमां सुसुमार, मांडखा, काचवा; फुम थने मगर ए विगेरे जनचर जीवो जाणवा. ॥ २० ॥ हवे थलचर जीवोना जेदो कहे . चनपयउरपरिसप्पा,जुयपरिसप्पाय थलयरातिविदा॥ गोसप्पननलपमुदा, बोधवा ते समासेणं ॥१॥ . शब्दार्थ-थलचर जीवो त्रंण प्रकारना . ते चतुष्पद, उ. रपरिसर्प अने जुजपरिसर्प. ते अनुक्रमे गाय, सर अने नोखोया विगेरे संक्षेपथी जाण लेवा. ॥१॥ हवे खेचर जीवोना नेदो कहे जे. खयरा रोमयपरकी, चम्मयपरकी य पायमा चेव ॥ नरसोगान बाहिं, समुग्गपको विययपरकी॥२२॥ शब्दार्थ-खेचर जोवो बे प्रकारना . १ रोमजपक्षा,रच. मंजपक्षी. ते प्रसिझन . वलो मनुष्यलोकना बहार संकोचेलो पांखोवाला अने विस्तारेला पांखोवाला एम वे जातना पक्षोयो. हवे जलचर थलचर अने खेचरना बबे नेदो कहे बे. सधे जलथलखयरा, संमुहमा गन्नया उहा हुंति ॥ कम्माकम्मगनूमि-अंतरदीवा मणुस्ता य ॥२३॥ । शब्दार्थ-प्सर्वे जलचर, थलचर अने खेचरजीवो समूर्डिम तथा गर्नज एवा वे प्रकारना बे. वली मनुष्यो (१५)कर्मनूमिना, (३०)यकर्मनूमिनाथने (५६)अंतींपना एमत्रण प्रकारना.२३ . हवे चार निकायना देवोना लेदो कहे जे. . . दसहा नवणादिवई, अविहा वाणमंतरा हुँति जोसिया पंचविदा, उविदा वेमाणिया देवा ॥२४॥ १ था जोवो पामाना आकारे थाय . ५ चार पगवाला. ३ पेटवती चालनारा. ५ हायवती चालनारा. ५ रुवाटानी पांखोवाला. ६ चांममानी पांखोवाला.

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