Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha Author(s): Jayant Kothari Publisher: L D Indology AhmedabadPage 15
________________ ९५. उखाणां. ९६. विक्रम पंदरमा सैकाना केटलाक जैन कविओनी काव्यप्रसादी ( नरसिंहयुग पहेलांना) .. ९७. सं. १५३५मां लखायेलां प्राचीन काव्यो ९८. विनय ( ? ) कृत नेमिनाथ द्वात्रिंशिका ९९. अज्ञातकृत सीमंधर स्वामी स्तोत्र ( अपभ्रंशमां ) १००. अज्ञातकृत महावीर स्तोत्र. १०१. अज्ञातकृत तीर्थमाला स्तव १०२. अज्ञातकृत विक्रमादित्यस्य शत्रुंजयादितीर्थयात्रा. १०३. बे पादुका लेख.. १०४. जैन धातुप्रतिमा लेखसंग्रह ( 9 ) १०५. जैन धातुप्रतिमा लेखसंग्रह ( २ ) १०६. अज्ञातकृत प्राचीन थेरावली. १०७. पार्श्वचंद्रगच्छ लघुपट्टावली १०८. चाहमाननृपवंशावली. १०९. राजवंशावली . ११०. संस्तारकविधि शब्दार्थ Jain Education International * १४ For Private & Personal Use Only ६३८ ६४० ६४९ ६६१ ६६६ ६६८ ६७१ ६७३ ६७५ ६७६ ६७९ ६८६ ६८९ ६९० ६९१ ६९५ ६९७ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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