Book Title: Prabandh Chintamani
Author(s): Ramchandra D Shastri
Publisher: Ramchandra D Shastri

Previous | Next

Page 20
________________ - २४१ - - शत्रुजय. १३८११५ १११६० १२९।१३१खा१३४ ख.२ १२१२१८५२ १९ख. १४४६१५३।१५९ २३८१२५७ टि.२२ १६२।१७२।२०७ टि शय्यंभवमारे .... १८ २०८१२१२ख २१९ शाकंभरी .... .... ४०४१ २२६१२३११२३२ . शाकटायन .... १४८११६९ शातवाहन .... २४१3०८ श्रीपालकावे.... १५४५१५५ शान्तिसार .... .... १६२८ श्रीपुञ्जराज२८२१२८3१९८४ टि. शालवाहन .... .... ३१ टि. श्रीपुण्य नगरे.... .... २२५ टि. शालिवाहन .... २६।२८ श्रीमाता.... २८३३ख २८४ स्त्र शिप्राश्रवन्ती ... .... २७० श्रीमालनगर. ८३२८४८८ शिबि .... .... .... २६२/ श्रीमालपुर .... .... २७८ शिलादित्य .... २७२।२७३/ श्रीमालभूपाल.... .... २८६ २७४।२७७१२७९/ श्रीसिद्धेन १५४११५५१५६ शिवपत्तन .... .... २७८टि. श्रीहर्षनामा ........ ५५ शिवपुराण .... ४ ४१२१३टि. श्रेणिक .... १६ ख. १८ शीताभिवाना .... .... १०३) संग्रहगाथाकोश .... २६ शीलगुणसार .... 31138/ संप्रति.... १६। टि. मा १९ शीलीरोगेण .... .... ४९ सइयदनामा.... २६ ०१२६ ? शुभकेशी .... .... १३१ टि. मा. सउलियाविहारस्स २२५ शूद्रक .... .... ३०टि.३१) सज्जनदण्डाधिप.... १५९ख शैवेय .... .... .... २५७/ सत्यपुरावतारे .... २१५ शोमन. १० ११२५९।२६६ सपादलक्ष.... १९०११९७व. श्यामलनामा .... .... १४३ १९८११९९२२४३. श्रियादेवी .... .... ३४ ३००१३०२ श्रीगिरिदुर्गमल्ल .... १५४ सपादलक्षाक्षितिपति, ४० ग. श्रीगुणचन्द्र .... .... १ ४१ख. ४३११५७ श्रीदेवी .... .... .... ३२ सपादलक्षदेशे.... .... २३२ श्रीनगरमहास्थान .... १५१ सपादलक्षीयराज .... २२९ श्रीपत्तन .... ३८१४३१४८ सरस्वतीसरित् ४३१४४ १८९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 ... 378