Book Title: Prabandh Chintamani
Author(s): Ramchandra D Shastri
Publisher: Ramchandra D Shastri

Previous | Next

Page 19
________________ २२९ वलभीभङ्ग .... .... २७९) विजया. .... १०३।१०४ वल्लभदेध .... .... ४९/ विजयसेनसूरि..... .... २५३ वल्लभराज .... .... ४९ विनता .... .... .... १०० वस्तुपाल. २५२।२५४१२६० विभीषण .... १८१५१८२ ख.२६१गा२६२।२६४ विमलगिरि .... २१७।२७3 २६७।२६८ख.२६९ख विमलवसहिका .... २६९ वाग्भटपुर .... .... २१९/ विरहकवृक्ष .... .... २०१ वाग्भटप्रबन्ध. ३१४१३१७ विश्वल .... .... .... वाग्भटमन्त्री.... १९७२२० विश्वामित्र .... .... २३९।२४०।३१४ विश्वेश्वरकवि.. .... २२६ ३१६ख. . तिहल्लकुमार .... .... १८ वात्स्यायन .... .... १०३ वीतरागस्तोत्र. २१६।२१६ वामराशिविप्र.... .... २३४ वीरधवल..... २५०।२९१ख वायटीयजिन .... .... १३७ २५२।२५११२६३।२६४ वाराणसी. ४९।१०१।२२६ २६५।२६६।२६७ख वाराहीग्राम .... .... १७७ २६९५ वाराहीसंहिता .... ३०६/ वीरमती .... .... ३२ वालाकदेश .... .... १७६/टि. वीरसूरि.... .... .... १६९ वासनाप्रबन्धः .... ३१९/ वीसलदेव .... .... २६७ वासुके .... .... .... ३०८/टि. वृद्धवादिसूरि.... .... २१ वाहड. १3८1१९७१९(ख. वृषभ .... .... १५२ ख. मा. विक्कमराय .... .... १९४ वृहद्वाहड .... ११५१३१४ विक्रम. २१३५५ख६।७।१० टि. वैभारगिरि .... .... १७ ख १२ख १३।१४१८२० शकटालमन्त्री. ३०६टि. १९ ख ६३१६९ टि. २१ग२२ शकुनिकाविहार.२१८१२२० ।२३ग३०ख २२४१२५५टि.२० टि. विक्रमादित्य.... .... २९) शक्रावतार .... .... १०० विक्रमार्क. ३४।२०७।२७० शङ्खनामा२६०१२६१ड.३२० - २७१ख.३१३, शङ्कपुर. .... ३२०३२१ विग्रहराज .... .... २२९ शतानन्दपुर .... .... ३०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 ... 378