Book Title: Paumchariu Part 5
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 10
________________ अनुक्रम (xvii) भब तकके जन्मोंका वर्णन- इस प्रसंगमें रात्रि-भोजन त्यागका महत्त्व, णमोकार मन्त्रका प्रभाव, विभीषण के अनुरोधपर रामा बलिके जन्मान्तरोंका काषन । पचासीवी सन्धि २३४-२५१ विभीषण पूछने पर सकलभूषण मुनि द्वारा लवण और अंकुशके पूर्व भवोंका वर्णन. कृतान्तपत्रकी विरक्ति, उसकी दोक्षा ग्रहण कर लेना, राघवका घरके लिए प्रस्थान । सीताक अभावमैं उनका दुःखी होना, रामका अयोध्यामे प्रवेश, नागरिकों की प्रतिक्रिया, लक्ष्मण द्वारा सीता देवोकी प्रशंसा । छयासीवी सन्धि २५२-२७७ सीताको इन्द्रबको उपलब्धि, राजा श्रेणिक द्वारा पूछनेपर गौतम गणधर राम लक्ष्मण, उनकी माताएं सीतादेवी, लवण अंकुशके भावी जन्मोंका वर्णन करते है। लवण और अंकुशका कननरथ स्त्रयंवरम जाला, उनके गलोंमें वरमाला पड़ना स्वयंवरका वर्णन, लक्ष्मण पुत्रोंसे मुठभेड़की नौबत, लोगों द्वारा बीच बचाव, लवण और अंकुशका जनता द्वारा स्वागत, लक्ष्मण पुत्रोंकी विरक्ति और दीक्षा, लक्ष्मणका अनुताप, भामण्डलका वैभव और दिनचर्या, बिजली गिरने से उसके प्रासादके अग्रभागका गिर पड़ना, भामण्डलकी विरक्ति, जिनभगवानको स्तुसि, निशाभर उसका चिन्तन, प्रभातमें दीक्षा, हनुमान द्वारा दोक्षा। सत्तासीवी सन्धि २७८-२९९ राम द्वारा हनुमान की आलोचना, इन्द्रका रामकी विरक्ति के लिए योजना बनाना, दो देवोंका आगमन, 'राम मर गया' उनका यह

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