Book Title: Parmaras Abhilekh
Author(s): Amarchand Mittal, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 427
________________ ३७८ पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध १८० सरयू मलयगिरि १८० १८० सरयू १८५ १९० १९१ १९७ २१६ २१६ सरयु मलयगिरी सरयु अलंकारिता अधिपत्य अत्याधिक निरुपित वेत्रावती वेत्रावती चतुवर्ग अत्याधिक अलंकारिक सांधिविग्रहक शुरु जामदग्नी अत्याधिक २३३ २३४ २३५ २३५ २३५ २५४ २६९ २७२ अलंकारता आधिपत्य अत्यधिक निरूपित वेत्रवती वेत्रवती चतुर्वर्ग अत्यधिक आलंकारिक संधिविग्रहक शुरू जामदग्नि अत्यधिक ३७ अंतिम ३० का कया क्या ३० धूली धूलि २७७ २८० २८६ २९४ २९६ अलंकारिक जमदाग्नि सांधिविग्रहिक औवथ्य औवश्य आश्रुओं वाल्मीकी राहू राह आलंकारिक जामदग्नि संधिविग्रहक औतथ्य (?) औतथ्य (?) अश्रुओं वाल्मीकि २९६ ३१० राहु ३२१ ३२१ राहु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445