Book Title: Parmaras Abhilekh
Author(s): Amarchand Mittal, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 430
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org उस गुगुर गुदा वल मरु मल रिठ्ठ शुद्धि का নেপাाেन लन॥ सामा समलदल दारा प Add 1 अभिलेख क्र. १३ भोजदेव का देपालपुर ताम्रपत्र, संवत् १०७९ (गरुड चिन्ह ) अभिलेख क्र. ४ ← वाक्पतिराज द्वितीय का धरमपुरी ताम्रपत्र, संवत् १०३१ (गरुड चिन्ह ) नानिको नाम माउ: एट्रीना कुल राममुदार गुदाहारामा नाम दानुगार नायालाल लाया नया परयमः वारपाल अन्यायाविना भाविनः पातिरिकाले ग्याल (या यागाराग्रोस उपाय कालोनी निकम लाला लालयितामनुजीवित वास कलाम अर नदि पुरुष पर कानीयातला उनिसमासाद या गुगलमहरु प्राय कজव अभिलेख क्र. १० ← भोजदेव की बांसवाड़ा ताम्रपत्र संवत् १०७६ (गरुड चिन्ह )


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