Book Title: Pannar Tithi
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan
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August-2004
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केवलरांणी श्रीभगवती केवलकमला च्छाजें सिधनगर रखवाली सासण केवलजोगण गाजें ॥११॥ अलख धणी जुगसाहिब साचा केवल राज करंदा करत विसंभर आदि जिणेशर पुरण राज धरंदा । शिवपुर पाटण भिस्त मदीना सिधनगरी नीरवाण मुनिचन्द्रनाथ नगरमांहि आए कोधो वास पुराणं ॥१२॥
___ इति श्रीपंचदशीसिधस्थांनस्थितिज्ञानेश्वर श्रीमुनीचन्द्रनाथजीप्रकाशिते श्रीनिजपर आदि अनादिक सिध ब्रह्म अनन्तअनन्तकलाराजलीलापंचदशीसिधतिथीकलाकथननन्तरः अथ श्रीषोडशकला श्रीसिधज्ञानशक्तेस्वर श्रीमुनीचन्द्रनाथजीप्रकासिके आदिअनादिकशिवसीधपुरनगर श्रीराजलीला सोलसमीकलाहेतु नयज्ञांनवांणी :
चालः
सोल कला संपूरण सामी सासण राज करंदा नगरतणे विच मोहल विराजें श्रीजिनराज करंदा । सिध अनंतामांहें सामी केवलछत्रधरा जे सिध अनंता छत्रपति हे अगम केवलरीध गाजें ॥१॥ सोल कलामें अनादि अनंती सिधतणा परिवार ते निजसासण साहेब सोहें छत्रधरा निरधार । तीर्थधणीनी परज अनंती आदिक सिध अशेश राजा परजा निज निज सामी केवलराज नरेश ॥२॥ अनादिक सिध अनंतामांहें मुले विच विराजे सोलकला संपूरण सरवे सत्तर तेहनें छाजें । सोल कलानो भेद संपूरण सत्तर कलामांहें पावें अगम अगाधधणी धूर राजे कोण केवल तेह गावे ||३||
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