Book Title: Panchsangraha Part 04 Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur View full book textPage 2
________________ श्री चन्द्रर्षि महत्तर प्रणीत पंच संग्रह [बंधहेतु-प्ररूपणा अधिकार (मूल, शब्दार्थ, विवेचन युक्त) हिन्दी व्याख्याकार श्रमणसूर्य प्रवर्तक मरुधरकेसरी श्री मिश्रीमलजी महाराज सम्प्रेरक श्री सुकनमुनि सम्पादक देवकुमार जैन प्रकाशक आचार्य श्री रघुनाथ जैन शोध संस्थान, जोधपुर For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.orgPage Navigation
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