Book Title: Panch Pratikraman Sutra Author(s): Siddhachal Kalyan Bhuvan tatha Surat, Publisher: Siddhachal Kalyan Bhuvan tatha SUrat Nava Upasarana Aradhak View full book textPage 1
________________ श्रीमज्जिनदत्तमरिमाचीनपुस्तकोद्धारफंड-ग्रंथांकः ३५ मूलमें अन्वयके अंक तथा विशेष अर्थकी टिप्पणी युक्त शब्दार्थ मात्र हिंदी अर्थ सहित साधु-साध्वी योग्य -pompor-4403 पंच-प्रतिक्रमण-सत्र +her+-+atra कोटिगण वज्रशाखा चंद्रकुल बृहत्खरतरगच्छगगनांगण मूर्यसमान पत्तन चैत्यवासी यतिपति विजेता मूरिपुरंदर मुविहित सिद्धांत । मागोनुसारी श्रीजिनेश्वरमूरीश्वर नवांगमूत्र टीकाकार श्रीमद् अभयदेवमूरीश्वर श्रीजिनवल्लभसूरीश्वर श्रीजिनदत्तमरीश्वर परंपरानुगत ! क्रियोद्धारक श्रीमोहनमुनीश्वर महातपस्वी श्रीजिनयशस्मूरीश्वर आज्ञानुवति अनुयोगाचार्य पंन्यासजी महाराज श्रीकेशरमुनिजी गणिके ! सदुपदेशसे श्रीसुरत बंदर निवासि झवेरी श्रेष्ठि कल्याणचंद्र सुपुत्र प्रेमचंद्र पत्नी श्राविका रतनबाई आदिकी द्रव्य सहायसे छपवाके प्रकाशित किया. श्री सिद्धाचल कल्याण भुवन तथा सुरत नवा उपासरावाली श्राविका रतनबेन-गोपीपुरा सुरत. । धी “जैन विजयानंद" प्री प्रेस,-कणपीठ बजार सुरतमें शा. मोहनलाल मगनलाल बदामीने मुद्रित किया. वीर संवत् २४५९ विक्रम संवत् १९८९ मूल्य रु.१-०-० Join Education international For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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