Book Title: Paiavinnankaha Part 01
Author(s): Kastursuri, Somchandrasuri
Publisher: Rander Road Jain Sangh

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Page 179
________________ 150 |श्लोकादि कथा | पृष्ठ / दाणधम्मस्स वेलाए दाणसीलस्स सेट्ठिस्स दायव्वं निअहत्थेण दिटुंतं थेर-थेरीए दिटुंतं सिप्पिपुत्तस्स दिट्ठिरागेण अंधस्स दुग्गइद्दारभूयाए देव्वजण्णाविवत्तीओ श्लोकानामकारादिक्रमेण सूचिः ___ पृष्ठ | श्लोकादि ____ कथा परण्णभोयणे अञ्चापरस्स चिंतिअं जंतु . 38 परिणामं समिक्खित्ता पहाणो सव्वया होइ पावोदएण नस्संति पिउणा सिक्खिओ पुत्तो पिया लोए निय-प्पाणा पुण्णपावाण भंगीए पुण्णविक्कसंजुत्तं पुण्णोदएण सोक्खं वा पुत्तलीतिगदिटुंतं पुत्तेहिं पत्तवित्तेहिं पुव्वजम्मम्मि दाणेच्छा पुव्वदाणपत्तभोगा वि धणिपुत्तस्स दिटुंतं धण्णाहं कयपुण्णा हं धम्मनाणविहीणस्स धम्मस्सवणयाणंदो बुद्धि-किंकरकम्माणं 100 140 145 143 नागदत्तकहं सोच्चा नाणं निरत्ययं तस्स नाणब्भस्स मंतिस्स नाय-अन्नायदव्वस्स नायं दुग्गयनारीए नायं विप्पपुल्लिंदाणं नायनिप्पण्णदव्वस्स नारीणं भूसणं सीलं निग्गहो इंदियस्सेह निद्धणत्थिजणस्सेह निब्भग्गस्स कहं एयं नीए वि सुहकम्मेहिं नेव कुज्जा महालोहं भग्गहीणा न पेक्खंते . भज्जाइ रागमूढप्पा भवेच्छा जस्स विच्छिन्ना भावधम्मप्पहावेण भावो वि दव्वपूआए भोगंतरायकम्मस्स 137 109 मईए सयलकज्जेसु मए निसिनरिंदेणं 19 11 54 36 लच्छीदेवीपसाएण 56 / लोगस्स सारो धम्मो पमाइणो मिलिच्छस्स 20 46 125

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