Book Title: Paiavinnankaha Part 01
Author(s): Kastursuri, Somchandrasuri
Publisher: Rander Road Jain Sangh

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Page 196
________________ 167 सद्दकोसो-१ (कथानुक्रमेण) शब्द शब्दार्थ कथा पृष्ठ पंक्ति शब्द शब्दार्थ कथा | पृष्ठ पंक्ति पाहरिआयोडीहार 41 98 6 हाविओ હજામ 43 103 6 कोवानलारुणिअदेहो अपानलथी दाद हेडवाणो 41 99 4 दिवाकित्ती હજામ 43 104 1 वेढिऊण વીંટાળીને 41 99 5 | हत्थलहुत्तणेण वा थे 43 104 1 करालच्छा भयं४२ वा 41 99 7 मउययरं मतिना 43 104 1 जमभडसमा यम२॥४॥ सुमटो वा 41 99 7 पच्चुप्पण्णमई 5o. पाणवानी शुद्धिवाणो 43 104 3 भडा બહાદુર 41 99 8 दुवालस आणगाइं पार माना 43 104 4 निभालंति જુવે છે 41 100 6 अणुवमो અનુપમ 43 104 5 सज्झसं ભયને 41 100 7 भयदवंतं ભયભીત થયેલ 43 104 11 वियाणगो વિનાશક 41 100 9 वच्छत्थले છાતી પર 43 104 14 धारणओ દેવાદાર 41 100 19 उवहारो ઉપહાર, ભેટ 43 104 15 कहा-४२ वइसस्स વાણિયાના 43 104 17 खणणेण ખોદકામથી 42 101 10 दुद्दसं દુર્દશા 43 104 19 निही નિધાન 42 101 10 कहा-४४ तुलाए સંકટમાં 42 101 12 44 106 5 सिरिं - લક્ષ્મીને 42 101 12 एगसुणगसवठवणत्थं नु सेव२ भुजवा भाटे 44 106 6 पोढपुन्नपब्भारो प्रौढ पुश्यना मारवाणो 42 101 13 जामे પ્રહરમાં 44 106 7 वितहो વિતથ, ખોટો 42 10117 -कडेवरं કલેવર 44 106 9 आमलगथूलमुत्ता- भाभमान 4 // माहणत्तणं બ્રાહ્મણત્વ 44 106 12 -हलुब्भडो મોટા મોટા મોતીનો 42 10126 लंगूलं પૂંછડું 44 10614 तुडिओ તૂટી ગયો 42 10127 सउयवओ કુળવાન 44 106 18 पोइज्जउ પરોવીને 42 101 28 कहा-४५ पगुणों પ્રગટ 42 102 1 जहत्थनामा યથાર્થ નામવાળો 45 107 4 कहा-४३ पोढवयપ્રૌઢ-પુખ્ત વય 45 107 6 निवुत्तो 43 103 5 धूलिधूसरिअंगो धूथ मिश्रित वाणो 45 107 6 गीयट्ठ ગીતાર્થ નિવૃત્ત

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