Book Title: Padyatmakopdeshpradip
Author(s): Muktivimal Gani
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 35
________________ Harvinatamm n । Armeni.v... 'आभार-प्रदर्शन' अमारी श्री मुक्तिविमनाजी जैन ग्रन्थमाला तरफथी १४ प्रन्यो बहार पडी चूस्या छे ने आ पदरमु पुष्प छ, जेनुं नाम छ "श्री पद्यात्मकोपदेशप्रदीप " ना कर्ता परमपूज्य सकलसिद्धांतवाचस्पति अनेकसंस्कृतग्रन्थप्रणेता विद्वन्मार्तण्ड सन्चारित्रचूडामणि जाचारी श्रीपलयासमार श्री प्रकिमिटी गणिवर्य छे. आ ग्रंथने प्रसिद्ध करवामां सेओश्रीना विद्वद्वर्य शिष्यरल व्याख्यानवाचस्पति कविदिवाकर महातपस्वी बालब्रह्मचारी श्रीमत्पन्यासप्रवरश्री रंगविमलजी महाराज साहेबजी गणिवर्यना सदुपदेशथी नीचेना सद्गृहस्थो तरफथी द्रव्यसहाय मली छे ते आभार साथे स्वीकारवामी भावे छे. २ .. Poll रु. १००) शेठ धरमचन्द दयालचन्दनी पेढी म्यातिन्होरा रु. ३५) शेठ नेमिचन्दजी अमरचन्द वैद्य फलोधी ज्ञानखातामांथी सादडी. रु. २५) शेठ तेजमालजी राजमलजी लुंकड 1) रु. ५०) श्री तपागच्छ श्री संघ झानखातामांथी फलोधी रू. २०) शेठ चांदमलजी माणेकलाल लुकड ह.५०) शेठ उदयराजजी पुनमचन्द कानुगा " . २०) शेठ गुलाबचन्दजी मेलापचन्दजी कानुगा । रु. ५०) शेठ रेखचंदजी शिवराज लुंकड

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