Book Title: Padarth Prakash 26 Gunsthankramaroh
Author(s): Vijayhemchandrasuri
Publisher: Sanghvi Ambalal Ratanchand Jain Dharmik Trust
View full book text ________________ પરિશિષ્ટ 6 તીર્થકરના 34 અતિશયો - પ્રવચનસારોદ્ધારમાં તીર્થકરના 34 અતિશયો આ પ્રમાણે કહ્યા છે - आहारानीहारा, अद्दिस्सा सुरहिणो सासा // 441 // जम्माउ इमे चउरो, एक्कारस कम्मखयभवा इण्हि / खेत्ते जोयणमेत्ते, तिजयजणो माइ बहुओ वि // 442 // नियभासाए नरतिरिसुराण, धम्मावबोहया वाणी / पुव्वभवा रोगा, उवसमंति' न य हुंति वेराइं // 443 // दुब्भिक्ख डमर दुम्मारि-ईई१२ अइबुट्टि'३ अणभिवुट्ठीओ४ / हुंति न जियबहुतरणी, पसरइ भामंडलुज्जोओ५ // 444 // सुररझ्याणिगुवीसा, मणिमयसीहासणं सपयवीद६ / छत्तत्तय इंदद्धय८-सियचामर धम्मचक्काइं२० // 445 // सह जगगुरुणा गयण-ट्ठियाइं पंच वि इमाइं वियरंति / पाउब्भवइ असोओ९, चिट्ठइ जत्थप्पहू तत्थ // 446 // चउमुहमुत्तिचउक्कं 2, मणिकंचणताररइयसालतिगं२३ / नवकणयपंकयाइं२४, अहोमुहा कंटया हुंति२५ // 447 // निच्चमवट्ठियमित्ता, पहुणो चिटुंति केसरोमनहा२६ / इंदियअत्था पंच वि७, मणोरमा हुंति छप्पि रिऊ८ // 448 // गंधोदयस्स वुट्ठी२९, वुट्ठी कुसुमाण पंचवन्नाणं / दिति पयाहिण सउणा१, पहुणो पवणो वि अणुकूलो३२ // 449 //
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