Book Title: Nyayavatarvartik Vrutti
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Shantyasuri, Dalsukh Malvania
Publisher: Saraswati Pustak Bhandar Ahmedabad

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Page 522
________________ १३. टिप्पणगत शब्दों और विषयोंकी सूची। ३३१ १५० २१५ २२८ सालम्बन २२७ १४१ १५५ शान । मीमांसकमव १५५, जैनमन -सांस्यका अमित सामाम्बवाद प्रक्रियामेदसे मेव१७५/ १४५, नव्यनैयायिकमत १४६ ५.८ अविधाका विकास १०५ समवायिकारण २५० -वेदान्तमत १५५ प्रवृत्ति-उदेश, लक्षण प्रवृत्ति- समारोपण्यवच्छेदक १५०-दावीमा मत २५५ १३२, शरीर-शब्दरूप, अर्थरूप समारोपव्यवच्छेदकरव ५१ -मीमांसकोका मिजामिक १३२, शास्त्रार्थ संग्रहके तीनरूप सम्यग्ज्ञान सामाम्यबाद २५४ १३२ सर्वश २१३,२०० जैनमत १७०२,४७, सविकरूप -तिर्यगणता सामान्य २५. ज्ञान २२६, दूरदेशस्थ वस्तुका सविकल्पक १६४ -जैनमवकी तुलना २५८,२९. अस्पष्ट वर्शन भुत है या नहीं। सहोपळम्भनियम २५० देखो, जाति २४०, ज्ञान के सीन भेद २४० साक्षात्कारिख २९७ निःसत २६८, अज्ञान १७०, सारड्य सामान्य विशेषात्मक २२०,२२, १७१ सारूप्य संकलना २२७ -कुमारिलकृत लक्षण २२३ प्रत्यक्ष २२२ संकलनात्मक -सामान्यसे मित्र संज्ञासंझिसम्बन्धप्रतिपत्ति २२५, -नैनायिकमत २२८ सिद्धदर्शन -बौखमत २२८ संतान २०६,२०७ -प्रतिव्यक्ति मित्र -की धर्मकीर्विसंमत ज्ञानरूपता संप्रयोग -प्रमाण १५५ संबन्ध १३१,२१५,२७१, -ज्ञान २२०,२२१,२२७० संयोग -वैसाइयज्ञान -शामायापार्यके मनकी संगति २२२ वैशेषिक-नैयायिकमत ११७. साधकतम १४०,१५० -जैनसमवशामसे मेद १५५ बौदमत १३७, वेदान्तमत साधकतमत्व १३८, जैन १३९, मीमांसकमत सामर्थ्य -न्यायवैशेषिकसमझायमेव १३९ सामान्य १५५ संवादकज्ञान १७४ -अनुमानमाझ मनर्थ १६४, -प्रकृतिका परिणाम संवादकत्व १५१ १९७,२३६ सनिवितासंभवहायकस्व १५॥ संवृतिसत्य २८२ -धर्मकीर्तिकृत निराकरण १८९ सुषुप्ति संशय १५७ -अवयवीके साथ तुलना १९३ सेना १९६ संस्कार . १८०,१८१ -स्खलक्षणका पररूप सीमोक्ष २८५ सत्ख्याति १६२,१६९ -सामान्य २१२ स्कंध १९५ २८०,२६२ -वासनामूलक सरशपरिणति २५७ -अवस्तुभूत सरपरिणाम १९२ स्थूलद्रव्य २५८ -वस्तुभून समिकर्ष स्थूलपदार्थ -परोक्ष मप्रमाण १३७,१४०, प्रमाण -उर्वतासामान्य और तिर्य १४०, कुमारिकमत १४॥ स्पस्व सामान्य का प्रत्यय २२६ जैनमत १४१,के छः मेद १४१, स्मृति २२३,२२५,२२२५ -चार्वाकका मत शालिकनाथका मत १४: -मानसप्रखक्षरूप २५४ ससभंगी -बौद्धोंका भवस्तुरूप सामान्य२६४ -सप्रमाण २० २५० समवाय -प्रमोष १७,१८,१९,११ वैशेषिक-नैयायिकमत १४२, -शान्तरक्षित २२२,२२५ बौद्धमत १४२, अद्वैतवादिमत वाद ... २५२ -जयन्त २२. १४४,२५१, सांख्यमत १४४ -प्राभाकरोंका मत २५३ -परोक्षान्तर्गत प्रमाण १८० सत्व २१५ स्थिति २१४ २८ २१४ नानामत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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