Book Title: Nyayaratna Darpan
Author(s): Shantivijay
Publisher: Bhikhchand Bhavaji Sakin

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Page 26
________________ । २४ म्यायरत्नदर्पण. (१६) पर लिखा है, सब सज्जनोसे विनति करनेमें आती है के इस पुस्तककों आप बांचे, दुसरोकों बचावे, तथा सर्वमें प्रगट करे, और सत्यकी परीक्षा करे. ___ (जवाब.) इस किताबकोंभी आप देखे, अपने दोस्तोंको दिखलावे, सचबातका इम्तिहान करे, और इसमें दिइ हुई दलीलोपर गौर करे, मुजे उमेद है चर्चाके ग्रंथ पढनेके शौकिनोंको यह किताब जरुर पसंद होगी. __ व कल्म जैनश्वेतांबर धर्मोपदेष्टा विद्यासागर न्यायरत्न मुनि शांतिविजय.

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