Book Title: Niyamsara
Author(s): Kundkundacharya, Himmatlal Jethalal Shah
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 399
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates गाथा| पृष्ठ ९४ १५२ ९८ १४६ | १७३ | ७३ | १७६ ३०० १८५ २८८ ३४१ १४० ८० १०५ ४४ ४३ णाहं कोहो माणो णाहं णारयभावो णाहं बालो बुड्ढो णाहं मग्गणठाणो णाहं रागो दोसो णिक्कसायस्स दंतस्स | णिग्गंथो णीरागो णिइंडो द्वंद्वो णियभावणाणिमित्तं णियभावं णवि मुच्चइ णियमं णियमस्स फलं णियमं मोक्खउवायो णियमेण य जं कज्जं णिव्वाणमेव सिद्धा णिस्सेसदोसरहिओ णोकम्मकम्मरहियं णो खइयभावठाणा णो खलु सहावठाणा णो ठिदिबंधट्ठाणा गाथा | पृष्ठ १४८ प ७७ | १४८ | पडिकमणणामधेये ७९ | १४८ | पडिकमणपदिकिरियं ७८ १४८ | पयडिट्टिदिअणुभाग १४८ | परिचत्ता परभावं १९९ | परिणामपुव्ववयणं ९३ | पंचाचारसमग्गा ___८८ | पासुगभूमिपदेसे १८७ ३६४ | पासुगमग्गेण दिवा ९७ | १८२ | पोग्गलदव्वं मुत्तं १८५ ३६१ | पुव्वुत्तसयलदव्वं ९| पुव्वुत्तसयलभावा ७ | पेसुण्णहासकक्कस१८३ | ३५८ | पोग्गलदव्वं उच्चइ ७ | १६ | पोत्थइकमंडलाइं १०७ २०६ ८० | बंधणछेदणमारण १२६ ११६ ७२ ३३२ ३७ १६८ | ५० १०२ ३ २९ | ५९ १२४ ६४ ४१ १२१ ७७ ४० ७८ | भूपव्वदमादीया २२ ४९ तस्स मुहग्गदवयणं तह दंसणउवओगो थ थीराजचोरभत्तक ६७ द १९ | मग्गो मग्गफलं ति य | ३१ मदमाणमायलोहवि | ममत्तिं परिवजामि १२९ | माणुस्सा दुवियप्पा मिच्छत्तपहुदिभावा ११३ | मिच्छादसणणाण१४५ | २८६ | मत्तममत्तं दव्वं |४४ मोक्खपहे अप्पाणं मोक्खंगयपुरिसाणं २५ ५३ | २६ ११२ | २१९ ९९ | १८७ ३८ ९० १६८ १७० १६७ १३६ | २६७ १३५ । | २६५ । दखूण इच्छिरूवं दव्वगणपज़याणं दव्वत्त्थिएण जीवा ध | धाउचउक्कस्स पुणो Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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