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( २५ ) दौलत का भादमी गुलाम है। दौलत किसी की गुलाम नहि । इसलिए तरकाव के साथ हमेशा दौलत के लिए कोशिश करना चाहिए।
Man is a slave of wealth. Wealth is not a salve of anybody. So, mil should ever try for wealth with care.
अतिदानतपः सत्ययोगो दारिद्रकृत् त्विह । धर्मार्थों यत्र न स्यातां तद् वाक् कामं निरर्थकम् ॥
हा से बढकर खैरात तपस्या सच्चाई से धन जोडना दुनियां में तो गरीबी करने वाले हैं। जहां धरम अर्थात् नेकी और फायदा न हो वह वात बिलकुल निकम्मी है।
Too much charity and penance aud truthfulness in making money are the causes of poverty in the world That work or talk is of 10 use wlich is void of righteous, ness and benefit.
बुद्धिमन्तं सदा द्वेष्टि मोदते वञ्चकैः सह । स्वदुर्गुणं नैव वेत्ति स्वात्मनाशाय स नरः॥ मो कलमन्द से हमेशा दुषमनी करता है और ठगों के साथ खुश रहता है अपने बुरे बच्छन नहि जानता वह आदमी अपनी हि वरवादी करता है
That man ruins himself, wlio ever hates the wise and delights in the company of cheats, and who does not kuow his own faults.
नीतिं त्यक्ता वर्तते यः स्वतन्त्रः स हि दुःखभाक् । स्वतंत्रपूभुसेवा तु ह्यसिधारावलेहनम् ।। नौति वा नेक तरीक को छोड़कर मनमानी वात करने वाला आदमी
मावा,है। बुद मुखत्यार मालिक की नौकरी तो तलवार की धार चाटना है।
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