Book Title: Nishesh Siddhant Vichar Paryay Author(s): Labhsagar Publisher: Jainanand Pustakalay View full book textPage 8
________________ (5) योगथी आ ग्रंथनी उपयोगिता घणीज वधी अशे ते निःशंक छ / आ ग्रंथ नानकडा 'आगमिक कोश' रूपे काममां आवशे तेवी मारी धारणा साचीज ठरशे / आ गथमां अशुद्धिपत्रक साथे ते ते विषयोनी अनुक्रमणिका पण मुद्रित करी छे। जेथी वाचक प्रथम ग्रंथमा रहेली अशुद्धिआने शोधी ते ते विषयाने सांकलियाथी सग्लताथी मेलवी शकशे। मुद्रणकार्यमा क्वचित् क्षति नजर पर तरे पण ते प्रेस आदिना कारणे छे तो वाचको ते समक्ष नजर न नांखता अंदरना तत्व सामे दृष्टिने राखे तेज विनंति छ / नेमचंद मेलापचंद जैन उपाश्रय, सुरत. .. वि० सं० 2029 महावद-८ रवीवार हः- पूज्यपाद आगमोद्धारक ___ ध्यानस्थस्वर्गत आचार्यदेवश्री ____ मानंदसागरसूरीश्वर्गशष्याणु सूर्योदयसागरPage Navigation
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