Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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-1.121
नायाधम्मकहाओ २ ता समत्तजालाभिरामे विचित्तमणिरयणकोट्टिमतले रमणिज्जे ण्हाणमंडवंसि नाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि पहाणपीढंसि सुहनिसण्णे सुहोदगेहिं पुप्फोदएहिं गंधोदएदि सुद्धोदएहिं य पुणो पुणो कल्लाणगपवरमज्जणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासायलहियंगे अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंवुए सरससुरभिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोहे पिणिद्धंगेविज्जे अंगुलेज्जगललियंगयललियकयाभरणे नानामणिकडगतुडियर्थभियभुए अहियरूवसस्सिरीए कुंडलुज्जोइयाणणे मउर्डदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंबपलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जे मुहियापिंगलंगुलीए नाणामणिकणगरयणविमलमहरिहनिउणोवियामिसिमिसंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थआविद्धवीरवलए, किं बहुणा ? कप्परुक्खए चेव सुअलंकियविभूसिए नरिंदे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामरवालवीइयंगे मंगलजयसहकयालोए अणेगगणनायगदंडनायगराईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियमंतिमहामंतिगणगदोवारियअमच्चचेडपीढमदनगरनिगमसेट्ठिसेणावइसत्थवाहदूयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे धवलमहामेहनिग्गए विवे गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससि व्व पियदसणे नरवैई मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ २ ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सन्निसण्णे । तए णं से सेणिए राया अप्पणो अदूरसामंते उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाएं अट्ठ भदासणाई सेयवत्थपच्चत्थुयाइं सिद्धत्थमंगलोवयारकयसंतिकम्माई रयावेइ २ चा नाणामणिरयणमडियं अहियपेच्छणिज्जरूवं महग्घवरपट्टणुग्गयं सोहबहुभत्तिसयचित्तठाणं ईहामियउसभतुरयनरमगरविहगवालगकिंनररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं सुखचियवरकणगपवरपेरंतदेसभागं अभितरियं जवणियं अंछावेइ २ ता अत्थरगमँउअमसूरगउच्छइयं धवलवस्थपच्चत्थुयं विसिहं अंगसुह

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