Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya

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Page 13
________________ II.11 नायाधम्मकहाओ संबद्धाहिं पसत्थाहिं धम्मियाहिं कहाहिं सुमिणजागरियं पडिजागरमाणी विहरइ। (12) तए णं से सेणिए राया पच्चूसकालसमयांस को_षियपुरिसे सदावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बाहिरियं उवट्ठाणसालं अज्ज सविसेसं परमरम्मं गंधोदगसित्तसुइयसंमजिओव. लिन्तं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागरुपवरकुंदुरुकतुरुक्कधूवडज्झतमघमतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह य २ एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सेणिएणं रग्ना एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा जाव पच्चप्पिणंति । तए णं से सेणिए राया कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहापंडुरे पभाए रत्तासोगप्पगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धबंधुजीवगपारावयचलणनयणपरहुयसुरत्तलोयणजासुमणकुसुमजलियजलणतवणिज्जकलसहिंगुलयनिगररूवाइरेगरेहन्तसस्सिरीए दिवायरे अहकमेण उदिए तस्स दिणकरकरपरंपरावयारपारद्धंमि अंधयारे बालायवकुंकुमेण खईयव्व जीवलोए लोयणविसयायासविगसंतविसददसियंमि लोए कमलांगैरसंडबोहए उट्ठियमि सूरे सहस्सरस्सिंमि दिण. यरे तेयसा जलंते सयणिज्जाओ उठेइ २ त्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ अट्टणसालं अणुपविसइ अणेगवायामजोगवग्गणवामदणमल्लजुद्धकरणेहिं संते परिस्संते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधवरतेल्लमाईएहिं पीणणिज्जेहिं दीवणिज्जेहिं दप्पणिज्जेहिं भैयणिज्जेहिं बिहणिज्जेहिं सविदियगायपल्हायणिज्जेहिं अब्भंगैएहिं अब्भंगिएँ समाणे तेल्लचम्मसि पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहिं पुरिसेहिं छेएहिं दक्खेहिं पैट्ठहिं कुसलेहिं मेहावीहिं निउणेहिं निउणसिप्पोवगएहिं जियपरिस्समेहिं अभंगणपरिमद्दणुव्वलणकरणगुणनिम्माएहिं अट्ठिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चैउविहाए संवाहणाए सं. वाहिए समाणे अवगयपरिस्समे नरिंदे अट्टणसालाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मज्जणघरं अणुपविसइ

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