Book Title: Navtattva Sahitya ane Ek Aprakat Chaupai
Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
View full book text
________________
| १९
२०
२१
|२२
|२३
२४
2 2 2 2 2 2 2 2 & 3 m
::::
२५
|२६
२७
|२८
२९
३०
11
|३२
"
|३३
-
वर्णनमय अभिनन्दन अमरचंद
-जिनस्तवन
चोपाइ
11
गरबो
11
"
17
17
"
17
"
"
"
17
17
11
""
""
"T |३१
""
भाषा
17
71
जिन स्तवन.
चंदुलाल - न्हानचंद
गर्भित स्तुति
मावजी शाह अमरविजय
जिनदत्त
ब्रह्म
मेरुमुनि
अज्ञात
11
वर्णन दुहा
स्तवन
लक्ष्मीकीर्ति
वर्णनमय सीमन्धर जीवनविजय
11
""
""
मानविजय
२० मी सदी बेनी बोलो ना तोये बोलावशुं रे..
अभिनन्दन अभिनन्दन मारा...
पढम चरण जिन हुं नमुं...
नमुं वीर सासनधणी.... मिच्छत अविरत प्रमाद है... परम निरंजन परम गुरू... चेतनवंत अनन्त गुण.... श्रीश्रुतदेवी मनमें ध्याय...
शान्ति जिणेसर सदगुरु शरण... संप्रतिमां ते सीमन्धर तारक...
जीवाजीवा पुण्य नें पावा....
४
फेब्रुआरी- २०१२
१२५

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21