Book Title: Navtattva Sahitya ane Ek Aprakat Chaupai
Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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१ नवतत्त्वनी चोपाई
२
३
18
७
८
९
१०
N & M N x 10 10 10 10
११
१२
| १३
१४
१५
|१६
| १७
१८
17
11
:::
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17
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17
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17
17
27
17
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ढाल
जोडी / रास
11
रास
चोपाइ
विचार स्तवन
रास चोपाइ
"
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17
भाषा
स्तवन
अज्ञात
भावसागर
अंचल आनन्दवर्धन धनवर्धन खरतर कमलशेखरसू. लाभशेखर अंचल विजयदानसूरि तपा
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"
हर्षसागर
वेलामुनि
ऋषभदास
देवचन्द्र
वृद्धिविजय
मानविजय
हेमराज
वरसिंह
भाग्यविजय
धर्मचन्द्र
निहालचन्द
विजयसेनसूरि
भानुचन्द्र सत्यविजय
जयविजय
लब्धिकीर्ति खरतर
लोंका
पद्यसाहित्य
दाम मणिविजय तपा
हर्षचन्द्र
17
ऋद्धिवल्लभ
मयाचन्द
चोपाइ
भिक्खुजी
भाषा गर्भित स्तवन ज्ञानसार
रत्नराज
विचार स्तवन विवेकविजय डुंगरविजय
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""
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पार्श्वचन्द्र
27
१५७५ १६०८ आसपास
१६०९
१६२२आसपास आदि जिणंद नमेवि ए...
11
11
"
१७१३
१७१८
आदि नमी आणंदह पूरि...
सरसति सांमणि समरू माय...
१७४७
१७६६
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"
१६७६
आदि धर्म जिणइ उद्धर्यो...
८११
१६९२ पूर्वे सकल जिणेसर प्रणमी पाय...
२९६
९५
सरसती सरसती सरसती देवी.. प्रणमुं जिन चडवीसमो....
ढाळ - १५
श्री श्रुतदेवता मनमें ध्याय...
८२
पास जिणेसर प्रणमी पाय...
१३१
श्री अरिहंतना पाययुगल प्रणमी... १६७ मङ्गलकरन हरन दुखदंद.....
सादर सदगुरु प्रणम्य कर...
१८०६
१८०७
खरतर
१८१२ तेरापन्थी १८६० आसपास - १८६१
खरतर
तपा
१८७२
"
५९
नमस्कार अरिहंतनें... सरसतीनें प्रणमुं सदा....
६५
१५३
६५
६५
३३
ढाळ १३
१२४
अनुसन्धान-५८

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