Book Title: Namaskar Swadhyay Part 03
Author(s): Tattvanandvijay
Publisher: Jain Sahitya Vikas Mandal

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Page 358
________________ [ નમસ્કાર સ્વાધ્યાય 422 बउब्विहज्झाणथुत (चतुर्विधध्यानस्तोसम्) , 23 सिरिजिणकित्तिसूरिरइयं सोवण्णवक्खासभेयं पंचपरमिहिनमुक्कारमहथुत्तं व्याख्या वि. सं. 1494 399 24 परमेटठिथयं गा: 1-5 426 25 सिरिगणिविज्जाथुत्तं 427 - 26 पंच-महा-परमिसिंथयं गा. 1-6 27 पंचपरमिट्ठि-जयमाला गा. 1-7 28 नवकारलहुकुलकं 438 29 भतपरिम्नासंदभो 30 पंचसुत्तसंदभो 31 अंगविज्जापइन्नय-संदब्भी.. इ. स. पांचमी सदी 32 श्रीमद् हरिभद्रसूरिविरचित सम्बोधप्रकरणग्रन्थादाचार्यादि-स्वरूपसंदर्भः 445 33 प्रवचनसारोद्धार-तट्टीकासंदर्भः . - (मूलका-नेमिचंन्द्रसूरिः-टीकाकर्ता श्रीसिद्धसेनसूरिः) 1248 34 सिरिसिड्दरिसिरइयं 'चंदकेवलिचरिय' संदब्भो 974 35 सिरिदेवभद्दसूरिरइय 'कहारयणकोस' संदब्भो 1158 ...36 सिरिपउमसीहमुणिविरइय 'णाणसार' संदब्भो 1046 464 37 सिरियणसेहररसूरिविरइय-'सिरिसिरिवालकहा तो सिद्धचक___यंतोद्धारविहिसंदभो श्री क्षमाकल्याणगणिकृतव्याख्यासमेत 38 सिरिरयणसेहरसंरिविरइय सिरिसिरिवालकहातो पंचपरमिहिपयाराहणविहिसंदभो 1428 39 श्रीरत्नशेखरसूरिविरचित 'सिरिसिरिवालकहा'न्तर्गत पञ्चपरमेष्ठिनः 1428 482 . ... पञ्चनवकात्मकः संदर्भः - 40 उपदेशमालासंदभो 1160 41 श्रीमद्हेमचन्द्रसूरिविरचितस्य 'प्राकृतद्वाश्रयकाव्यस्य' श्रीपूर्णकलशगणिविरचितटीकोपेतस्य सप्तमसर्गस्य संदर्भः 1200 42 सिरिजिणदत्तसूरिविरइयस्स सिरिसमयसुंदरगणि रुयवस्खोपेयस्स 17 मी सदी 'तं जयउ' थवणस्स संदब्भो 43 सिरिदेविंदसूरिविणिम्मिय 'सुदंसणाचरिय' संदब्भो (अरिहंताइवण्णनं) 1320 44 श्राद्धदिनकृत्यान्तर्गतो नमस्कारविषयकः संदर्भः 45 चउसरण पयन्नासंदभो इ. स. दसमी सदी . प्रकीर्ण 512 . यंत्रचित्रो शुद्धिपत्रक 529 तिमा पहली बार शित 46, 466 495 500 504 506

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