Book Title: Man Kahta Hai Nari ko Poojo Author(s): Nirbhay Hathrasi Publisher: Z_Sadhviratna_Pushpvati_Abhinandan_Granth_012024.pdf View full book textPage 3
________________ i n .......... . ... .... .... ...........iiiiiiii RALLA साध्वीरत्न पुष्पवती अभिनन्दन ग्रन्थ / mm "लक्ष्मी-नारायण' में पहिले “लक्ष्मी" को स्थान मिला, "सीताराम" में "राधेश्याम' में, नारी को ही मान मिला। "शंकर-पार्वती" में नारी पीछे है योग के कारण हीफिर भी गंगा शीश चढ़ी, जब योगी का वरदान मिला। पावनता हो तो नारी ऊँची है बाघम्बर-धारी सेमन कहता है नारी को पूजो, बचकर रहो अनारी से। BAHHHHHHHHHH P iiiiiiiiiiiiHHHHHHHHHHHIR मृग तृष्णा में मत दौड़ो, माना नारी मृग-नैनी है, तन से मस्त मयूरी है, चाहे मन से पिक बैनी है। पुरुष प्रकृति से विमुख रहा तो कृति-आकृति कुछ भी न बनी नारि नरक की खान नहीं है, नारी स्वर्ग नसैनी है / किसी ब्रह्मचारी से मत पूछो, पूछो संसारी सेमन कहता है नारी को पूजो, बचकर रहो अनारी से / HALALLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLLL.DIRainbo. HHHHHHHHHHHHHHHI (660 यदि मन नहीं अनारी हो तो नारी के साथ जरूर रहो, ताकि पूर्ति पूरक दोनों से मिल करके भरपूर रहो। बहने वाले पार उतर गये, तैरने वाले डूब गयेसुर-सरिता में बहते जाओ, अन्ध कूप से दूर रहो। काम से 'निर्भय' रह सकते हो, बचकर काम-कटारी सेमन कहता है नारी को पूजो, बचकर रहो अनारी से / 980e390 .9 . ... 962 / छठा खण्ड : नारी समाज के विकास में जैन साध्वियों का योगदान www.jainelibrarsPage Navigation
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