Book Title: Mahavir Parichay aur Vani
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 320
________________ ३२६ महावीर : परिचय और वाणी अगर कोई महावीर के ध्यान को मीवा शुरू करे तो वह विक्षिप्त हो मकता है । इसलिए भूलकर भी इस प्रयोग को सीधे न करे। पहले के दस हिस्ने अनि - वार्य हैं । कि जेन माधुओं मे करने की बात तो पूरे मुल्क मे घूमकर मेने देखा है एक आदमी भी नहीं है जो महावीर के ध्यान को समझ सका हो, दूर है । वे नित्य प्रवचन करते है, लेकिन में यह देखकर चकित हुआ कि उनके गणी, प्रमुख और आचार्य एकान्त मे मुझसे पूछते है कि ध्यान कैसे करें ? तद उन बेचारे साधुओ को क्या कर वाया जा रहा होगा जबकि उनका गुरु ही पूछता है कि व्यान कैसे करें ? उनमे इतना साहस नही कि वे चार लोगो के सामने यह प्रश्न करे । 1 पश्चिम के एक बहुत विचारगील वैज्ञानिक 'रान हुव्बाई' ने व्यान की प्राथमिक प्रक्रिया मे प्रवेश के लिए तीन शब्दों का प्रयोग किया है। ये तीनो शब्द महावीर के हैं, यद्यपि वार्ड को महावीर के शब्दो का कोई पता नही है । उनके तीन शब्द हैं- रिमेम्बरिंग, रिटर्निंग, और रि-लिविंग । महावीर ने इनके लिए स्मृति, प्रतिक्रमण और जाति-स्मरण ( पुन जीना, उसको जो जिया जा चुका है ) का प्रयोग किया है । महावीर के ध्यान मे अगर उतरना हो तो जब रात सोने लगे और नीद करीब आने लगे तो उस दिन के पूरे जीवन को 'रि-लिव' कर ले। जीवन की घटनाओ का स्मरण ही न करे, वल्कि उन्हें इस तरह देखें मानो आपने उन्हें फिर से भोग लिया है मृत्यु क्षण मे -- आकस्मिक मृत्यु के क्षण मे --- जब बचने का कोई उपाय नही रह जाता, तब ऐसी घटना घटती है । पहले रमृति से शुरू करें। सुबह से लेकर शाम तक की घटनाओ का स्मरण करे । एक महीने के गहरे प्रयोग से आपको पता चलेगा कि स्मृति धीरे-धीरे प्रतिक्रमण वन गई । अब पूरी स्थिति याद आने लगी । प्रतिक्रमण पर तीन महीने और प्रयोग करे। तब आप पाएंगे कि अव प्रतिक्रमण पुनजीवन वन गया --अब आप 'रि-लिव' करने लगे। कोई नौ महीने के प्रयोग के बाद आप पाएँगे कि सुबह से लेकर शाम तक की घटनाओ को आप फिर से जी सकते हैं, दुवारा । मजे की बात यह है कि जिस जीवन को आप फिर से जियेंगे वह दिन के जीवन की तुलना मे ज्यादा होगा, क्योकि दिन मे और भी पच्चीत उलझाव थे । हुवाई कहता है कि यह ट्रैक पर वापस लौटना है और फिर से यात्रा करनी है उलटी दिशा मे । अगर महावीर के ध्यान में, सामायिक में प्रवेश करना हो तो कोई नौ महीने का समय - तीन-तीन महीने एक-एक प्रयोग पर --विताना जरूरी है। आप स्मरण करना शुरू करे, पूरी तरह स्मरण करे कि सुबह से शाम तक क्या हुआ, फिर प्रतिक्रमण करें । पूरी स्थिति को याद करें कि किस-किस घटना मे कौन-कौन सी पूरी स्थिति थी । आप बहुत हैरान होगे और आपकी सवेदनशीलता वहुत वढ जाएगी ।

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