Book Title: Kuttanimatam
Author(s): Damodar Guptakavi, Sukhram Sharma
Publisher: Dharmsukhram

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Page 543
________________ ४८० आर्यानुक्रमणी। २३ प्रतीकम्लो . पृष्ठम् प्रतीकम् लो. पृष्ठम् कीदृक्त्वं न(ल ?) यमार्गे ८३ २० | क वषट्कारवानः ४१७ १०७ कुत आगताऽसि, क. ८१८ ३०० क हरिणचर्मावरणं ४१९ १०८ कुब्जे गत्वा वक्ष्यसि ३५५ ८६ | क्वाचार्यप्रतनुलता० ४१८ १०७ कुरुते विविक्तचाटून् १००३ ४१३ वेदं खलु विश्वसृजः २६३ कुर्वाणो मौनव्रत० ७४९ २६१, क्षणदृष्टनष्टवल्लभ० ४९४ कुलपतनं जनगी ८३३ ३०९ क्षणमुत्कण्टकिताङ्गी, ९८ कुलमकलकं न गणित. ४१२ १०५ क्षपयति वसनानि सदा ३६६ ८८ कुवलयमालानिलयो ३५२ ८५, क्षित्वाऽतर्कितमम्भो ६९१ २३५ कुसुमशरजालपतिता २७१ ६१ क्षीणद्रव्ये देहिनि ६४१ २०६ कुसुमामोदी पवनः, १०५ २४ | गणिकागणपरिकरिकरितां ३० ९ कूपक्षिप्तघटाया ८६८ ३३२ गतमेवमेवमासित. १०१२ ४१७ कृतजीवनसंस्थो हि ९३२ ३७० गत्वाऽथ तमुद्देश ४८१ १३२ कृष एष मध्यदेश. ९८५ ४०१ गत्वाऽथ स्वावसथं ९६१ ३८५ केयूरस्थानगत० - ७४१ २५७ | गन्धोऽपि कुतः प्रेम्णः ५०१ १४३ केलि: प्रदहति मजा ८१७ २९९| गन्धं यदि च न लभसे ६८३ २३१ केवलमगणितलाघव ९६ २३ गम्भीरता स्वभावे १८८ ४४ केशग्रहणमनुग्रह ३७७ ९२ गम्भीरमधुरशब्द ९४२ ३७५ केशव इह सन्निहितः ९७९ ३९८ गम्भीरारक्तदृशं २८ . .८ केसरया क्षणदत्तं ३४९ ८४| गम्भीरेश्वरदास्यां ७४३ २५८ कोमलमानकटुत्वं ७१६ २४६ गाढतराश्लिष्टवपु० ५७४ १७० कौमारकं विहन्तुं ३५० ८५ गाढानुरागभिनं. ५४८ १६२ क्रमगलितगौरवांशो ६२६ २०३ गात्रसिरासंधिभ्य: क्रियतां भूषणशोभा ५९४ १८१ गायन्मात्रागाथा ३३९. क्रीडन्त्या श्रमरहितं ८९३ ३४९ गीतश्रवणोत्कर्ण ९५५ ३८२ क्लेशाय दुर्भगानां ६५७ २१७ ! गुरुगूढशास्त्रतत्त्वं २१५ ५० क कुशविपाटनजन्मा ४१५ १०६ गुरुपरिचर्या, जाया ४३६ ११२ क तानलधूम० ४१६ १०७ गुरुसेवां बन्धुजनं ४६० १२० क पुरोडाशपवित्रित० ४१४ १०६ गुह्यस्पर्शनिरोधः, ६२२: १९३ क महोतलरम्भा त्वं ६९९ २४० | गृहकर्मकृतायासां ८६७ ३३२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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