Book Title: Kundakundacharya ke Tin Ratna
Author(s): Gopaldas Jivabhai Patel, Shobhachad Bharilla
Publisher: Bharatiya Gyanpith
View full book text
________________
नाम-कर्म
निर्जरा
निर्यापक गुरु
निश्चय नय
५४, ५५
७५, १०६
८१
९१
१०४
७४
४५
११२
पर्यायार्थिक नय
३४, ५५
पारमार्थिक दृष्टि ९१,९९, १००, ११२ पारिणामिक भाव
५८
३१, ४४
नोर्म
पदार्थ नव
परमाणु
परिणाम
पुद्गल
पुरुषवेद
प्रकृति
प्रकृतिबंध
प्रतिक्रमण
प्रत्याख्यान
प्रदेश
प्रदेशबंध
प्रवचनसार
प्राण
प्रायोगिक गुण
बन्ध - के चार प्रकार
शब्दसूची
-का कारण
भक्ति
भय के सात प्रकार
१२२
११९
७३, ११६
११७
११२
३५
७३, ११६
१११
भाव १११, ११२, ११३, ११४;
- अप्रतिक्रमण
-अप्रत्याख्यान
- कर्म
११४;
११४;
५९
भेद
३३
मतिज्ञान
१०७
मन:पर्ययज्ञान
१०७
मिथ्यात्म ९७, ९८, १०१, १०२,
१०५, १२१
८०
प्रकार
मूल गुण मोक्ष ७६, ११६; -मार्ग ७७, १२८ मोह
३०
योग
९८, १०२, १०५
रस
४६
६१
५४, ६१
४०
- पाँच
रौद्रध्यान
लेश्या
लोक
वर्ण -पाँच
वर्तना
६५ विनय
६४ विवेक
१३८ विषकुम्भ
७३;
विषयसुख
११०
वैक्रियिक शरीर
७८, ८५
१०९
वैसिक गुण
व्यवहार दृष्टि
४७
३७
८७
११६
११७
७२
५६
१२८
९१,९५,९९

Page Navigation
1 ... 108 109 110 111 112