Book Title: Kriya Parinam aur Abhipray
Author(s): Abhaykumar Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 111
________________ 102 क्रिया, परिणाम और अभिप्राय के वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 8: चतुर्थ गुणस्थान में मुख्यतः ...........में निर्मलता आती है। (1) श्रद्धा (2) ज्ञान (3) श्रद्धा-ज्ञान-चारित्र (4) ज्ञान-दर्शन-सुख-वीर्य प्रश्न 9: अभिप्राय की विपरीतता में .......... निमित्त है। (1) चारित्रमोह (2) दर्शनमोह (3) क्रिया (4) परपदार्थ अध्याय-4 प्रश्न10: सूक्ष्मता से स्थूलता के क्रम में क्रिया-परिणाम-अभिप्राय का क्रम .....है। (1) क्रिया-परिणाम-अभिप्राय (2) परिणाम-क्रिया-अभिप्राय (3) क्रिया-अभिप्राय-परिणाम (4) अभिप्राय-परिणाम-क्रिया प्रश्न11: परिणाम की दशा........... निर्धारित होती है। (1) गुरूजी द्वारा (2) क्रिया द्वारा (3) अभिप्राय द्वारा (4) फल द्वारा अध्याय-5 प्रश्न 12: जीवन पर सीधा प्रभाव...........का पड़ता है। (2) परिणाम (3) अभिप्राय (4) उपरोक्त सभी प्रश्न 13: वास्तिवक सुख दुख का सम्बन्ध...........है। (1) क्षयोपशम (2) राग-द्वेष (3) अभिप्राय (4) क्रिया प्रश्न 14: जीव...........का फल भोगता है। (1) परिणामों (2) क्रिया-परिणामों (3) अभिप्राय-परिणामों (4) कर्मों अध्याय-6 प्रश्न 15: व्यवहाराभासियों में...........बेईमान मिथ्यादृष्टी है। (1) कुल अपेक्षा धर्मधारक (2) परीक्षा रहित आज्ञानुसारी (3) धर्मबुद्धि से धर्मधारक (4) सांसारिक प्रयोजनार्थ धर्मधारक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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