Book Title: Kavyanushasanam Satikam
Author(s): Kashinath Sharma
Publisher: Kashinath Sharma

View full book text
Previous | Next

Page 367
________________ १३२ ه ه ه . २१३ ه ه ه ه س २१३ م س و पृष्ठाङ्काः पृष्ठाहाः पण्णवसि अव्व (टी.) ... ... २८३ पातालमिव ... .... .... १६८ पंतिते पतङ्ग .::. ... १६४ पातु वो भगवा ... ... २१२ पत्त नि अम्ब ..:. .... १४६ पादन्यासक्वणि (टी.) ... ... पत्युः शिरश्चन्द्र .... .... | पानेऽम्भसोः सुर(टी.).... पदद्वयं कपा- ... | पायावश्चन्द्रधारी(टो.) ... पर्नेसोदि बहु (टी.) .... १३५ | पिअमुहससंक (टी.) ... ... पंन्थिय न एत्य.... | पिनद्धमाहार (टी.) ... ... पयखिनीनांधे (टी.) पिनाकिने नमः (टी.) ... पयोधरभस- .... २२५ | पिहिते कारागा(टी.) ...' पयोधरास्वा (टी.) पुत्रक्षयेन्ध . .:: परमा या तपो (टी.) २२२ पुन्नागरोन (टी:) ... परमा या समृ (टी.) | पुराणि यस्यां ... ... परंवचनमात्म .::. ..: ३२५ पुष्पक्रिया म (टी:) ... परागतरुराजी ... ..... | पुष्पं प्रवालो (टी.) ... ... परापकारनिपु ........ | पुंसः कालातिपा(टी.) परार्थे यः पीडा (टो.) पुस्कोकिलः कू (टी.) परिणतशतकाण्ड (टी.)... १९७ पुंस्त्वादपि प्रवि... परिपन्थिमनो ... .... २४४ | पूर्णेन्दुकल्प ... परिभ्रमन्मूल (टी:) ... पृथुकार्तखर ... १६७ परिवदृइ विन्ना (टी.) .... ३३४ | पृथु शास्त्र . (टी.) (डा.) ... ... ७ परिस्फुरन्मीन ... ९५ पृथ्वि स्थिरी (टी.) परिहरति रति .... ११८ पृष्टेषु शङ्ख . (टी.) पर्याणस्खलित .... २७५ पेशलमपि ख (टी.) पर्याप्तपुष्पस्तव ... २६९ १०१ / पोढमहिलाण ... पर्यायेण वहूनां (टी.) ३३९ । पौरस्त्यस्तोय (टी.) पश्चात्पर्यस्य ... १३१ ... ... १८६ १८६ | पौलस्त्यः स्व (टी.) ... ... (टी.) पश्चात्पर्यस्य' ... २६६ प्रकरणनाटक पश्यामि ता. ... ९५ प्रख्यातवस्तु पश्याम्यनङ्ग .... .... ... १६६ प्रख्यातवस्तु ... ... ... . ३२२ पश्येत्कश्चित् (टी.) | प्रज्ञा नव ... .... पाणौ कङ्कण' ... ... ... ७५ प्रणयकुपितां ... ... ... पाण्डोर्नन्दन (टी.) .... ... ७३ १२३ प्रतिगृहमुपला (टी.) .... ... . ८ पातयाशु रथं ... ... ... .२१० प्रतिग्रहीतुं प्रण .... ....... २८६ :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: २५९ २४३ । १३७/ १५१ م س • २८७ م * १७८ ه तिवस्तु ... ..... س १०६ w.

Loading...

Page Navigation
1 ... 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376