Book Title: Kavyanushasanam Satikam
Author(s): Kashinath Sharma
Publisher: Kashinath Sharma

View full book text
Previous | Next

Page 375
________________ २० पृष्टाङ्काः । १८२ ... ... २५५ २४३ .. . __M " mrr ow. . - r mr mo ० '.. सेना लीलाली (टी.) ... ... २१९ स्वास्थ्यं प्रतिभा (टी.)... ... पृष्टाङ्काः सो नत्थि एत्थ ... ... १० २९० विद्यति कूणति... सोऽपूर्वो रसना (टी.)... २५६ २६० स्वेदाम्भःकणि ... सोऽयं करैस्त (टी.) १३४ | हंस प्रयच्छ (टी.) सोह ब्व लक्ख... ... ... २४६ | हंस प्रयच्छ सौधादुद्विजते (टी.) ... | हंसाण सरोहिं ... ... सौन्दर्यस्य तरङ्गि २५० हंसो ध्वास ... ... स्तनकर्पर (टी.) | हंहो स्निग्धसखे (टी.)... स्तनजघनाभिरा... हन्त हन्तरराती (टी.) ... २०९ स्तनयुगमश्रु (टी.) हन्तुमेव प्र ... ... १८५ स्तेनतास्तेनता (टी.)... हत्र्यो रुषः क्ष (टी.)... ... २२४ स्तुमः कं वामा ... | हरहासहरावास (टी.)... १२६ स्त्रियः प्रकृति (टी.) हरेः कुमारोऽपि (टी.) १९८ स्त्रीणां केतक (टी.) | हरेः स्वसारे दे (टी.)... २२२ स्त्रीप्राया चतुर ... ... | हयं रम्यं (टी.) १३४ स्त्रीभेदनापह ... | हलमगुवल (टी.) ... ... १२६ स्थूलावश्याय (टी.) हा धिक्सा कि ... ... १६२ स्निग्धश्यामल ... हा नृप हा वुध... . १४८ निहिपिच्छकण्ण हास्यप्रायं प्रेरणं ३२८ स्नेहं समादिश (टी.) हिअअहिअ (टी.) ४८ स्पन्दते दक्षिणं (टी.)... ... २७९ / हिमवन्ध्य (टी.) ... १२८ स्पृशति तिग्मरु... | हिरण्मयी सा ... स्फुरदद्भुत ... | हिरण्यकशिपु (टी.) ... स्फूर्जद्वजसहस्र ... २९६ हुमि अवह (टी.) ... स्मरदवथुनिमि ... | हृदये चक्षुषि ... स्मरनवनदी ... | हृदये वससीति ... स्मितं किंचित् ... | हे नागराज (टी.) १५ स्मृत्या यन्निज (टी.) हे लङ्केश्वर ... त्रस्तस्रग्दाम ... हेलापि कस्य (टी.) ... स्रस्तां नितम्बा ... ... हे सततमपा (टी.) ... स्रोतस्यम्भांसि (टी.) ..." हे हस्तदक्षिण (टी.) खश्चितपक्ष्म २१ हे हेलाजित (टी.) खपिति याव ... ... ... २८ १८५ होई न गुणांणु ... ... खयं च पल्ल २३१ हिया सर्वस्या (टी.) " w ::::::::::::::::::::::::::::::::::. . 2 ७६ - - ४९ १०१ १७६ "

Loading...

Page Navigation
1 ... 373 374 375 376