Book Title: Kavyanushasanam Author(s): Sushilvijay Gani Publisher: Vijaylavanyasuri Granthmala View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्रम - - अलङ्कारचूडामणिसहितकाव्यानुशासनप्रथमाध्यायस्य संक्षिप्त विषयानुक्रमणिका विषयः पत्रम् | विषयः [१] मूलमङ्गलाचरणम् ... १ [१३] गुण-दोषलक्षणम् ... १३७ [२] अलङ्कारचूडामणि- [१४] अलंकारलक्षणम् ... १४५ मङ्गलाचरणम् ... ४ [१५] रसोपकारप्रकारः [३] प्रयोजनभूमिका ... १० [१६] शब्दार्थस्वरूपम् ... १७२ [ ४ ] अभिधेयप्रयोजनम् ... १२ [१७] मुख्यार्थनिरूपणम् ... [५] काव्यस्य कारणम् ... [ १८ ] गौणार्थनिरूपणम् ... [६] सहजा प्रतिभा ... २६ [१९] शक्तिभेदखरूपम् ... २२५ [ ७ ] औपाधिको प्रतिभा ... [२०] व्यञ्जकत्वनिरूपणम् ... २२६ [ ८ ] प्रतिभासंस्कारः ... [२१] व्यङ्गयस्य भेदाः ... २३८ [९] व्युत्पत्तिनिरूपणम् ... [ २२ ] शब्दशक्तिमूलम् ... २४१ [१०] अभ्यासनिरूपणम् ... [२३] अर्थशक्तिमूलव्यङ्गयम् २६८ [११] शिक्षानिरूपणम् ... ५९ [२४ ] अर्थशक्तिमूलकरसादि[१२] काव्यम्वरूपम् ... १२० ध्वनिनिरूपणम् ... २८६ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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