Book Title: Kamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Author(s): Shivnarayan Saxena
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 5
________________ ( ४ ) १५. श्री महावीर चरित्र (महा पंडित अशक कवि कृत सं० काव्यका स्व० पं० खूबचन्दजी शास्त्रो विद्याबारिधि कृत) अनुवाद । और अब यह १७ वां ग्रन्थडॉ०कामताप्रपाद जैन का व्यक्तित्व और कृतित्व (श्री शिवनारायण सक्सेना एम. ए. विद्या-वाचस्पति सिद्धांतप्रभाकर अलीगंज कृत ।) प्रकट किया जाता है। यह कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है लेकिन एक महान समाजसेवी व विश्वभर में जैनोंके अहिंसा धर्मके प्रचारक स्व० डॉ० कामताप्रसादजी जैन, सम्पादक व प्रकाशकबाईस मोफ अहिंसा (अंग्रेजो ) व अहिंसा-वाणी (हिन्दो) का जीवन परिचय, उनका अहिंसा धर्म प्रचार व उनके कृतत्वका महान परिचय इस ग्रन्थमें दिया जा रहा है जो "जैननित्र" के ग्राहकोंको अतीव रुचिकर व अनुकरणीय होगा। स्व० डॉ० कामताप्रसादजी जैन (अलीगंज) से हमारा परिचय माजकलका नहीं, ३५-४० वर्षोंसे था व आप हमारे धर्ममित्र थे। आपकी लिखिल बड़ी-बड़ी १५-२० पुस्तकें जैमी किभगवान महावीर, भ० महावीर और बुद्ध, संक्षिप्त नैन इतिहास ३ खंडोंमें ८ भाग, नवरत्न, पंचरत्न, महारानी चेटना, वीर पाठाबली, कुन्दकुन्दाचार्य, कृषण जगावन चरित्र, मादि हमने ही प्रकट की हैं अतः आपके साथ हमारा बहा पत्रव्यवहार होता था तथा आपके स्थापित विश्व जैन मिशन की प्रवृत्तियोंका प्रचार हम "जैनमित्र" में करते ही रहते थे। इससे 'मित्र' के ग्राहक आपके सेवा-कार्यों से अतीव परिचित है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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