Book Title: Kamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva Author(s): Shivnarayan Saxena Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 4
________________ & ६ ६४ (३) १. स्वतंत्रताका मोपान (ब्र० सोताकृत) अप्राप्य २. श्री आदिपुराण (स्व० ५० तुलसीराम हली कृत) छंदोषद्ध ५) ३. श्री चंद्रपभपुराण (कवि हीरालाल बडौन कृत) छन्दोबद्ध । अाप्य ४. श्री यशोधर चरित्र (महाकवि पुष्पदंत कृत पं० हजारी. लाल जैनके अनुवाद सहित) अप्राप्य ५. सुमोम चक्रवति चरित्र (भ० रतनचंद बिचित मूड और पं० गलाराम जी शास्त्रो कुन अनुवाद) ३) ६. श्री नेमिनाथ पुराण (ब. नेमिदत्त रचित संस्कृत ग्रंथका पं० उदयलाल कासलीवाल का अनुवाद) ७. परमार्थ बनिका व उपादान निमित्तको चिट्ठी (कवि बनारसीदासजी रचित) पर ब्र० सीतलप्रसादजी कृत भावार्थ । अप्राप्य श्री धन्यकुमार चरित्र-(सकरकीर्ति कृतक हिंदी अनु०) १३) ९. श्री प्रभेत्ता श्रावकाचार (भ० सालकीर्ति रचित) संस्कृतकी स्व० पं० लालारामजी शात्री कृत टोका ४) १०. श्री अमितगत श्रावकाचार ( आ० अमितगति कृत) मूर व पं० भागचंदजी कृत वचन का ४) ११. श्रीपाल चरित्र छन्दबद्ध किवि भागमल्ल जी रचित) ३) १२. "जैनमित्र'का होरक जयन्ती सचित्र अंक, संपादक द्वारा संकलित १३. धर्मपरीक्षा ( आ. अमितगति कृत मूल सं० प्रन्थका स्व० ५० पन्नालालजी बाकलीवाढ कृत अनुवाद १४. श्री हनुमान चरित्र हनुमानाष्टक सहित (कवि श्री ब्रह्मराय कृत पद्यका मास्टर सुखचंदसा पद्मसा पोरवाड खंडवा कृत अनुवाद १६. श्री चंद्रप्रभ चरित्र (महा कषि बीरनंदी कृत संस्कृत काव्यका पं० रूपनारायण पांडे कृत अनुवाद । २॥) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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