Book Title: Kailashsagarsuriji Jivanyatra Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 7
________________ अनुवादक की ओर से मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि मेरे परम श्रद्धेय पृज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री कैलाससागर मरीश्वरजी म. सा. का एक संक्षिप्त जीवन-परिचत्र लिखने का अमल्य अक्सर मुझे प्राप्त हुआ । आज पृज्य आचार्य श्री अपने बीच नहीं है । वे यदि होते तो इस पुस्तिका को लिखने की कोई आवदक्कता नहीं होती, क्योंकि वे सभी गुग, जो इस पुस्तिका में समाए नहीं जा सकते, पूज्य आचार्यश्री में हर समय विद्यमान थे । उन गुणों का परिचय आचार्यश्री के परिचय से स्वतः ही मिल जाता । __उन महापुरुष के आत्मिक सौन्दर्य और गुणों की सुबास का परिचय देने की क्षमता तो इस अट लेखनी में नहीं है, परन्तु सिर्फ लेखक के उगारों को अनुवादित कर, उन्हें शब्दों में संवारने का यत्किंचित् प्रयास मात्र मैंने किया है । यह एक मेरा श्रद्वा-पुष्प है पृष आचार्यश्री के चरणों में, जिसे चढ़ाते हुए में स्वयं को कृत-कृत्य समझता हूँ । इस अवसर पर मैं पूज्य गच्छाधिपति आचार्यश्री के. साथ-साथ मेरे परम-उपकारी पूज्य गुरुदेव आनार्यश्रः पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. का भी विशेष ऋणी है, क्योंकि प्रस्तुत अनुवाद उन्हीं के असीम आशीर्वाद का प्रतिफल है। बस, स्वीकार हो-यह अर्य-वही स्वर्गीय आचार्यश्री से प्रार्थना है । -विमलसागरPage Navigation
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