Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 13
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मंगलकामना प्रकाशकीय प्राक्कथन अनुक्रमणिका. प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य समर्पण www.kobatirth.org अनुक्रमणिका हस्तप्रत सूची. परिशिष्ट कृति परिवार अनुसार प्रत पेटाकृति अनुक्रम संख्या... १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत- पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट १ २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत- पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir O समाविष्ट प्रतों में कुल ३५४४ कृति परिवारों का समावेश हुआ है. O इन परिवारों की कुल ४११४ कृतियों का इस सूची में समावेश हुआ है. o सूची में उपरोक्त कृतियाँ कुल ६३७० बार आई हैं. iv i .ii ..........iv For Private and Personal Use Only V .vi-vii vill ... १-४७७ ..४७८-५९६ .....४७८-५१८ इस सूचीपत्र में हस्तप्रत, कृति व विद्वान / व्यक्ति संबंधी जितनी भी सूचनाएँ समाविष्ट की गई हैं, उन सबका विस्तृत विवरण व टाइप सेटिंग संबंधी सूचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ vi एवं परिशिष्ट परिचय संबंधी सूचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ ४५४ पर है. कृपया वहाँ पर देख लें. . ५१९-५९६ प्रस्तुत खंड १३ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. o प्रत क्रमांक- ५२०५१ से ५५६०० ● इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से २८८२ प्रतों की सूचनाओं का समावेश इस खंड में हुआ है.

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 612