Book Title: Jinvani Special issue on Jain Agam April 2002
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 14
________________ विषयानुक्रमणिका 6 विभिन्न जैन सम्प्रदायों में मान्य आगम : संकलित जैन आगम साहित्य : एक दृष्टिपात : आचार्य श्री देवेन्द्रमुनि जी म.सा. द्वादशांगी की रचना उसका ह्रास एवं आगम- लेखन : आचार्यप्रवर श्री हस्तीमल जी म.सा.. आगमों की वाचनाएँ : डॉ. सागरमल जैन जैन आगमा की प्राचीनता : डॉ. पदमचन्द मुणोत जिनागमा की भाषा : नाम और स्वरूप : डॉ. के.आर. चन्द्र आगमों के अधिकार और गणिपिटक की शाश्वतता : आचार्य श्री आत्माराम जी म.सा. 'आगम' शब्द विमर्श . : डॉ. हरिशंकर पाण्डेय आगम का अध्ययन क्या ? : शासनप्रभाविका मैनासुन्दरीजी म.सा.. आचारांगसूत्र में मूल्यात्मक चेतना : डॉ. कमलचन्द सोगाणी आचारांगसूत्र का मुख्य संदेश अहिंसा और असंगता : श्रीचन्द सुराणा 'सरस' सूत्रकृतांग का वर्ण्य विषय एवं वैशिष्ट्य : डॉ. अशोक कुमार जैन सूत्रकृतांग में वर्णित दार्शनिक विचार : डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डय स्थानांग सूत्र का महत्त्व एवं विषयवस्तु : डॉ.(श्रीमती) पारसमणि खींचा स्थानांग सूत्र का प्रतिपाद्य : श्री तिलकधर शास्त्री समवायांग सूत्र : एक परिचय : श्री धर्मचन्द जैन व्याख्याप्राप्त सूत्र : डॉ. धर्मचन्द जैन जाताधर्मकथा की सांस्कृतिक विरासत : प्रोफेसर प्रेमसुमन जैन उपासकदशांग : एक अनुशीलन : श्रीमती सुशीला बोहरा अन्तकृदशासूत्र : श्री पी.एम. चाड़िया अन्तकृदशासूत्र का समीक्षात्मक अध्ययन : श्री मानमल कुदाल अनुत्तरौपपातिकदशा सूत्र : सुश्री श्वेता जैन प्रश्नव्याकरण सूत्र :: श्री सोभागमल जैन विपाकसूत्र : एक परिचय : श्री जम्बूकुमार जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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