Book Title: Jinshasan na Zalhlta Nakshatro Part 01
Author(s): Nandlal B Devluk
Publisher: Arihant Prakashan

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Page 2
________________ सकल तीरथ वंदूं कर जोड, जिनवर नामें मंगल कोड ! । पावापुरी वीर का पावनधाम, राणकपुर आदि जिनजी प्रणाम गहरपायताथ Real 710 नम्र इस ग्रन्थ के अ पूर्ण होते ही निट शीघ्र वापस कर जिससे अन्य व उपयोग पशिS (Refinal वि.सं.२०१७-२०१७ अर्पित अयं नीर नयनों के, निर्मल भावों का चंदन !!! उवसग्गहरं के पावन चरणों में, मेरे शत् शत् वंदन !! आदि जिनेश्वर के चरण कमलें, राणकपुर में करूँ भावभरी वंदना !! प्रह उठी वंदूं, पंच तीर्थ महान !! तीर्थभक्त श्यामभाई Jain Education Interational

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