Book Title: Jinabhashita 2009 09
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 33
________________ सम्पन्न किया। आप दोनों की इस उपलब्धि पर जैन । उपाध्याय श्री ससंघ प्रवचन हेतु सेंट्रल जेल पहुँचे। वहाँ समाज को गर्व है। इसके पूर्व भी प्राच्य विद्यापीठ शाजापुर | | केन्द्रीय. वरिष्ठ जेल अधीक्षक श्री सुरेशचन्द्र श्रीवास्तव, से १६ विद्यार्थी पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त कर चुके | कारागार-अधीक्षक एस.एन. दुबे आदि अधिकारियों ने मुनिश्री की आगवानी की। प्रांगण जयकारों से गूंज उठा। ___ पाँच प्रशिक्षार्थियों का चयन वहाँ पर २३०० कैदियों ४०० पुलिस जवानों एवं ३०० 'म० प्र० के एडीपीओ की पूर्व में लिखित परीक्षा | साथ पधारे भक्तों के बीच कारागार में उपाध्यायश्री ने में उत्तीर्ण ८ प्रशिक्षार्थियों द्वारा दिये गये साक्षात्कार में | सम्बोधित करते हुए कहा- 'यह कारागार नहीं, सुधारागार ५ प्रशिक्षार्थियों का चयन होना संस्थान की सफलता का | है। यहाँ अपराधियाँ को सुधार हेतु लाया जाता है, यातना उल्लेखनीय प्रमाण है। यह सफलता श्री त्रिलोकराज शास्त्री, | देने हेतु नहीं।' कु. अविसारिका जैन, कु. रीता भण्डारी, कु. सविता सुगन्धकुमार जैन, शास्त्री बजाज एवं सतीश शर्मा ने अर्जित की है। घंसौर (म० प्र०) में क्षमा दीदी का मुकेश सिंघई सल्लेखना-पूर्वक देहत्याग मुनि श्री क्षमासागर जी का २८वाँ दीक्षा दिवस परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज के | आशीर्वाद से एवं उनकी प्रथम शिष्या आर्यिका श्री गुरुमति शिष्य पूज्य मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज का २८वाँ माता जी की प्रेरणा से पुष्परानी ने १३ जून को स्वेच्छा दीक्षा दिवस समारोह, आचार्यश्री विभवसागर जी महाराज | से अनाज का त्याग कर पानी लेते हुए २४ जून को एवं आर्यिका रत्न १०५ कुशलमति माताजी के ससंघ | २ प्रतिमा के व्रत ग्रहण किये। आर्यिका १०५ अपूर्वमति सान्निध्य में श्री वर्णी दिगम्बर जैन गुरुकुल मढ़िया जी, | माता जी के सान्निध्य में ७ जुलाई, गुरुपूर्णिमा के दिन जबलपुर म०प्र० में मनाया गया। उन्होंने सप्तम प्रतिमा के व्रत ग्रहण किये। माता जी के कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हरिरंजनरावजी द्वारा उन्हें नया नाम क्षमा दीदी दिया गया। आर्यिका १०५ (जिलाधीश जबलपुर) द्वारा की गई एवं मुख्य अतिथि | अपूर्वमति माताजी, अनुत्तरमति माता जी एवं अगाधमति के रूप में जिलाधीश महोदय जी की पत्नी श्रीमती नूपुरजी, | | माताजी के हर पल के सहयोग से क्षमा दीदी ने कैंसर श्री खुरानाजी (कुलपति) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप जैसी बीमारी होते हुए शरीर की ओर ध्यान न देकर में श्री कृष्णकांत चतुर्वेदी जी रहे। आत्मा की ओर ध्यान दिया। तीनों समय सामायिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में पं० नीरज जी सतना, पं० | व्रतों का निरतिचार पालन करते हुए १५ अगस्त २००९ श्रेयांश जी दिवाकर, पं० दयाचंद जी सतना आदि की | को सल्लेखनापूर्वक शरीर को परित्याग किया। भूमिका मुख्य रही। श्री सरोज कुमार जी इन्दौर, अजित सुरेशचन्द्र जैन जी एडव्होकेट एवं अमित पड़रिया द्वारा कुशल मंच कु० वाणी अजमेरा को 7 अवार्ड संचालन किया गया। कविसम्मेलन की प्रस्तुतियों में राकेश लिम्बा बुक में चार बार वर्णित व लिम्बा बुक राकेन्दु जबलपुर, एवं तरल जी द्वारा मनमोहक कवित्त ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज तथा नेशनल अवार्ड प्राप्त कर, प्रस्तुत किया गया। राजस्थान को गौरवान्वित करनेवाली वीणा को मुख्यमंत्री मुनिश्री की लेखनी से प्रसूत कवितासंग्रह का | गहलोत ने राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से विमोचन श्री खुराना जी, कुलपति द्वारा किया गया। | पुरस्कृत किया और लन्दन में वर्ल्ड स्प्रिचुअल युनिवर्सिटी कमलकुमार दानी | में दादी माँ-प्रकाशमणि (माउन्ट आबू) एवं सिंगापुर में जैन मुनि उपाध्याय श्री निर्भयसागर जी का | भारत के हाई कमीश्नर से सम्मानित हुईं। कोलकाता में ... सेंट्रल जेल में प्रवचन 'जैनराष्ट्रगौरव' अवार्ड व यूनेस्को फैडरेशन राजस्थान से दिगम्बर जैन मुनि उपाध्याय श्री निर्भयसागर जी, | भी सम्मानित हुईं। हाल ही अ. भा. भगवान् ऋषभदेव मुनिश्री अमूल्य सागर जी, क्षु० जिनदत्त सागर जी, ब्र० संगीत पद्म अवार्ड से अजमेर में विभूषित हुईं। श्रीपालं भैयाजी वाराणसी नगरी में वर्षायोग कर रहे है।। श्री निहाल अजमेरा - सितम्बर 2009 जिनभाषित 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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