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मुनि श्री क्षमासागर जी
की कविताएँ
विश्वास मैंने पूछा चिड़िया से कि आकाश असीम है क्या तुम्हे अपने खो जाने का भय नहीं लगता? चिड़िया कहती है कि वह अपने घर लौटना जानती है।
बारिश चिड़िया भीग जाती है जब बारिश आती है नदी भर जाती है जब बारिश आती है धरती गीली हो जाती है जब बारिश आती है पर बहुत मुश्किल है इस तरह आदमी का भीगना और भर पाना आदमी के पास बचने के उपाय हैं न!
रीतापन चिड़िया आयी उसके करीब एक चिड़िया और आयी चहचहायी सारा आकाश भर गया चिड़िया की चहचहाहट से जीवन का रीतापन भर नहीं पाया आदमी परस्पर मधुर संवाद से।
अकिंचन देने के लिए मेरे पास
क्या है
सिवाय इस अहसास के
सिवाय इस अहसास के कि कोई खाली हाथ लौट न जाए। कर्मो का भंजन करते हैं।
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