Book Title: Jinabhashita 2008 01
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 27
________________ अभिशाप बना वरदान : एक लड़की की कहानी जिनेशकुमार जैन एक लड़की थी, कमजोर। जो सुन नहीं सकती थी उनके पास भी एक दिमाग है, जो शिक्षित हो फिर भी आपसे दोस्ती कर सकती थी। सकता है। एक लड़की थी, उनके पास भी महत्त्वाकांक्षा है, जिन्हें पूरा करने बचपन में गंभीर बीमारी से ग्रसित हुई का उनको भी अधिकार है। तो आँखों से रोशनी चली गई। वो भी कोशिश कर सकते हैं, अपने काम से साथ में रोशनी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। सुनने की क्षमता भी चली गई। एक बार किसी ने हेलन केलर से पूछा जिसकी आँख में रोशनी न थी, "न देख सकने से ज्यादा बुरा जीवन में क्या हो कानों में आवाज की पहचान न थी। सकता है?" फिर भी उसने दूसरों को रोशनी देने के लिए, उसने कहा87 वर्षों तक संघर्ष किया। 'देख सकना' और उससे भी बुरा है 'देखकर अंधों और अपंगों को न देखना' जी भर कर जीना सिखाया। (अंधा वह नहीं, जो देख नहीं सकता बल्कि अंधा उसने दर्जनों किबातें लिखीं। वह है जो देखकर भी नहीं देखता है)। 'ऐनी' की मदद से ____ अंधी, बहरी, गूंगी, 'हेलन केलर' कहा कहना था मूक बधिरों की भाषा सीखी। किपहली नेत्रहीन, बधिर ग्रेजुएट लड़की बनी। मेरे लिए जिन्दगी मोहक वस्तु है। कौन थी वह? मेरे जीवन की अर्ध शताब्दी ने अगर मुझे कुछ जिसने कहा सिखाया है तो वह यह कि आप स्वयं ही अपने लिए 'अपंगता जीवन का अंत नहीं, शांति प्राप्त कर सकते हैं। अपंग भी अपने काम से, उसने एक बार यह भी कहा है किअँधेरों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, 'उल्लंघन के लिए अगर रेखायें नहीं होती, शारीरिक अक्षमता मनुष्य को' जीवन के लिए अगर बाधायें नहीं होती, "मजबूर नहीं, मशहूर बनाती है।" पार करने के लिए यदि सीमाएँ नहीं होती, असामान्य व्यक्ति के लिए- "असाधारण काम" तो मानव जीवन में, पुरस्कार की तरह आने वाले उनके मन और विचारों की शक्ति का परिणाम है। आनंद में कमी अवश्य आ जाती।' वह लड़की थी 'हेलन केलर' का कहना था कि'हेलन केलर' मैं केवल एक हूँ और मेरे जैसी केवल मैं ही हूँ। जो अंधों के हितों के लिए मैं सब कुछ नहीं कर सकती लेकिन मैं, अमेरिका के 12 राष्ट्रपतियों से मिली, अभी भी --- बहुत कुछ कर सकती हूँ। 'हेलेन केलर' की पहली पुस्तक यदि एक अपंग व्यक्ति इतना सब कुछ कर सकता 'स्टोरी ऑफ माई लाईफ' का 50 भाषाओं में अनुवाद | है तो ---- आप क्यों नहीं ? हुआ है। ई-8/6, शिवाकुंज, रेलवे सोसायटी उसने कहा ____ 12 नं० बस स्टॉप, अरेरा कॉलोनी, भोपाल (म.प्र.) नेत्रहीन न तो जीनियस हैं, न असामान्य, न ही जनवरी 2008 जिनभाषित 25 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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