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संयोजक मंडल में प्रो. नीरज जैन, प्रो. ए. के. जैन, डॉ. आर. ए. शर्मा, डॉ. ए. के. सिंह, डॉ. आर. जी. गर्ग, श्री शैलेन्द्र जैन, डॉ. सुमन जैन, डॉ. एस.एम. त्रिपाठी, डॉ. जे. एस. जोशी, डॉ. एस. डी. सिसौदिया जीवाजी विश्वविद्यालय आदि का सहयोग प्राप्त था ।
नवनीत जैन
म. प्र. लोकसेवा आयोग में प्रविष्ट ७२ में से ६४ उत्तीर्ण
परमपूज्य श्री १०८ आचार्य विद्यासागर जी महाराज के आशीष व प्रेरणा से संचालित श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन प्रशासकीय प्रशिक्षण संस्थान के म. प्र. लोक सेवा आयोग की प्री परीक्षा में प्रविष्ठ ७२ में से ६४ प्रशिक्षार्थी का उत्तीर्ण होना गौरव एवं हर्ष का विषय है । ९ दिसम्बर की शाम जैसे ही रिजल्ट आना प्रारम्भ हुआ वैसे ही प्रशिक्षार्थियों का इन्टरनेट पर रिजल्ट जानना प्रारम्भ किया एवं दूसरे दिन १२ बजे तक ७२ में से ६४ प्रशिक्षार्थियों का उत्तीर्ण होना पुष्ट हुआ । अजित जैन निदेशक
साइलेंट सॉइल मूकमाटी की प्रथम प्रति आचार्य श्री को भेंट की
कुण्डलपुर (हटा) आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज द्वारा रचित 'मूकमाटी' महाकाव्य का अंग्रेजी संस्करण साइलेंट सॉइल (SILENT SOIL) प्रथम संस्करण २७ नवम्बर २००५ को चौबीस तीर्थंकर समवशरण कल्पद्रुम महामण्डल विधान के प्रसंग पर प्रकाशित हुआ था। जिसकी प्रथम प्रति सिद्धक्षेत्र / अतिशय क्षेत्र कुण्डलपुर (म.प्र.) में विश्ववंदनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को अनुवादक ने समर्पित की। एक सौ पचास रुपये मूल्य वाली यह कृति भगवान् ऋषभदेव ग्रन्थमाला, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर संघी जी, सांगानेर जिला- जयपुर (राज.) से प्राप्त की जा सकती है। फोन नं. ०२४१ - २७३०३९० बेबसाइट www. Jain info. org |
इस अवसर पर मूकमाटी का अंग्रेजी रूपान्तरण करने वाले श्री ज्ञानचन्द विल्टीवाला, विल्टीवाला हाऊस, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के पीछे, किशनपोल बाजार, जयपुर (राज.) का सम्मान किया गया।
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कोटा में महिला सम्मेलन सम्पन्न
महिला सम्मेलन सकल दिगम्बर जैन समाज समितिमहिला प्रकोष्ठ, कोटा द्वारा दिनांक २२.१२.०५ को दिगम्बर जैन नसियां दादाबाड़ी में सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में वार्ता का विषय था-"टी. वी. चैनल एवं पाश्चात्य संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं का दायित्व" ।
जयकुमार
श्री महिला दिगम्बर जैन समाज समिति महिला प्रकोष्ठ की स्थापना ३०.८.०५ को की गई जिसकी संयोजक श्रीमती डॉ. संतोष जैन हैं। जिनके अथक प्रयासों से इस सम्मेलन के सम्मेलन का सौभाग्य था कि इसे मुनि श्री १०८ सुधासागर आयोजन का विचार आया और सफल क्रियान्विति हुई इस जी महाराज का ससंघ सान्निध्य प्राप्त हुआ, इस महिला सम्मेलन में कोटा शहर के २२ महिला मण्डल प्रतिभागी बने । एवं सम्मेलन में १९ प्रतिभागियों ने भाग लिया ।
टी. वी. चैनल की उपयोगिता एवं अनुपयोगिता पर प्रश्नावली द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। इस सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि सभी महिलाओं की सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसके मुख्य बिन्दु थे
३. हर माँ अपने बच्चों कहानी सुनाए ।
४. बच्चों को लेकर माँ टी. वी. नहीं देखेंगी । ५. बच्चों को अभिषेक एवं पूजन नियमित रूप से करवायेंगी ।
अन्त में इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण मुनि श्री १०८ सुधासागर जी महाराज का विषय से सम्बन्धित प्रवचन | सुधासागर जी ने कहा कि घर घर टी.वी. की बीमारी का कारण संयुक्त परिवार प्रथा का लुप्त होना और एकांकी परिवार का जन्म। हर माँ अपनी बेटी में अच्छे संस्कार डाले इसके लिये यह अत्यन्त आवश्यक है कि माँ स्वयं सुसंस्कारित हो। हर सास बहू को सुधारने से पहले बेटी को सुधारें यानि बेटी को अच्छे संस्कार दिए जाए तो परिवार का माहौल अपने आप सुधर जायेगा। अन्त में प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरुस्कृत श्री राजमल जी पाटौदी के सौजन्य और का 'जलज' हटा कमलों द्वारा किया गया।
१. टी. वी. देखना उचित है पर देखने वाले की सोच और मानसिकता गलत नहीं होनी चाहिए ।
२. टी. वी. यदि होतो कुछ अच्छे चैनल जैसे न्यूज, ज्योग्राफिकल आदि के अतिरिक्त अन्य चैनल लॉक रहें, सिफ ज्ञानवर्धन कार्यक्रम ही देखे जायें।
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संतोष जैन जनवरी-फरवरी 2006 जिनभाषित / 47
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