Book Title: Jinabhashita 2005 08
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 33
________________ अभिनव ढंग से व्याख्यायित किया गया है। जो श्री सरल की वर्णी विचार का लोकार्पण अन्य कृतियों की तरह स्थायी महत्व प्राप्त कर लेने वाली सागर (म.प्र.), पूज्य गणेश प्रसाद वर्णी ऐसे संत थे, श्रेष्ठ कृति है। महोत्सव समिति ने श्री सरल का भावभीना | जिन्होंने अपने कल्याण के लिए तो साधना की ही परकल्याण सम्मान कर प्रतीक चिन्ह भेंट किया एवं पू. उपाध्याय श्री ने | और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए भी अपना आशीष प्रदान किया। जीवन समर्पित कर दिया।" उक्त उदगार अवधेश प्रताप भरतभूषण जैन, जबलपुर सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति माननीय डॉ. ए.डी.एन. प्रतिभा स्थली के निर्माण हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बाजपेयी ने 'वर्णी-विचार पुस्तक' का लोकार्पण करते हुए एक लाख का चेक प्रदान किया गया व्यक्त किये। डॉ. बाजपेयी श्री गणेश प्रसाद वर्णी, संस्कृत महाविद्यालय, मोराजी, सागर की स्थापना के १०० वर्ष पूरे जबलपुर, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष श्री ईश्वरदास होने पर आयोजित त्रिदिवसीय समारोह के समापन समारोह रोहाणी ने जैन समाज को तिलवाराघाट में ज्ञानोदय विद्यापीठ पर बोल रहे थे। पूज्य मुनि श्री अजितसागर जी महाराज एवं प्रतिभास्थली के निर्माण हेतु अपनी स्वेच्छानुदान निधि से १ ऐलक निर्भयसागर जी महाराज के सानिध्य में शताब्दी समारोह लाख रुपये की राशि प्रदान की। विधानसभा अध्यक्ष ने एवं अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन विद्वतपरिषद का अपने निवास पर आयोजित एक सादे कार्यक्रम में राशि का अधिवेशन आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता चेक प्रतिभा स्थली ट्रस्ट के पदाधिकारियों को सौंपा। पूर्व सांसद श्रीमंत डालचन्द्र जैन ने एवं संचालन प्रो. उल्लेखनीय है कि प्रातः स्मरणीय राष्ट्रीय संत परम क्रान्तिकुमार सराफ ने किया। लोकार्पित कृति "वर्णी विचार" पूज्य आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में | का परिचय देते हुए डॉ. कपूरचन्द जैन खतौली ने कहा कि १८ फरवरी २००५ को दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र, | वर्णी जी द्वारा रचित अधिकांश साहित्य का प्रकाशन हो तिलवाराघाट, जबलपुर में आयोजित प्रतिभा स्थली के भूमि | चका है, किन्तु उनकी डायरियों का प्रकाशन नहीं हआ है। पूजन समारोह में यह राशि देने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष | वर्णी जी ने अपनी डायरियों में अपने मन में आगत विचारों - श्री ईश्वरदास रोहाणी द्वारा की गई थी। जैन समाज द्वारा | को निःसंकोच व्यक्त किया है। वर्णी विचार में वर्णी जी की ज्ञानोदय विद्यापीठ प्रतिभा स्थली का निर्माण कन्याओं के १९३८ की डायरी प्रकाशित की गई है। अन्य वर्षों की शिक्षा के प्रसार हेतु किया जा रहा है जहां कन्याओं को डायरियों का प्रकाशन भी शीघ्र होगा, ऐसी आशा है। गुरुकुल पद्धति से आधुनिक शिक्षा दी जावेगी। पवन चौधरी मो. इब्राहीम कुरैशी द्वारा संस्थान का अवलोकन चेयरमेन म.प्र. अल्पसंख्यक आयोग मो. इब्राहिम उपाध्याय वरिष्ठ परीक्षा में प्रथम स्थान कुरैशी द्वारा विगत दिवस भारतवर्षीय दिगम्बर जैन प्रशा. श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, मनिहारों प्रशि. संस्थान की कार्यालयीन व्यवस्था, ग्रंथालय एवं प्रशिक्षण का रास्ता जयपुर में अध्ययनरत छात्र नितिनकुमार जैन सुपुत्र कार्य का अवलोकन किया गया। माननीय श्री कुरैशी जी ने श्री चन्द्रप्रकाश जैन, सेमारी (उदयपुर, राजस्थान) ने संस्थान की समस्त क्रियाकलापों के प्रति भाव-विभोर होकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर (राज.) द्वारा संचालित कहा कि 'मेरे देखे प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण हेतु ऐसी उपाध्याय वरिष्ठ (१२वीं) की परीक्षा में ८३ प्रतिशत अंक सुव्यवस्था कहीं नहीं पायी जाती है।' आपने आचार्य श्री प्राप्त कर सम्पूर्ण राजस्थान में वरीयता सूची में प्रथम स्थान | विद्यासागर जी मनि महाराज की असीम अनकम्पा को तरुणाई प्राप्त किया। महाविद्यालय का परिणाम भा शत-प्रतिशत रहा। | के लिये सगम पथ का एक प्रयास बताया। आपने अतः श्री दिगम्बर जैन संस्कृत शिक्षा समिति एवं | अल्पसंख्यक आयोग के माध्यम से विधि सम्मत सहयोग महाविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। प्रदान करने का आश्वासन दिया। डॉ. शीतल चन्द्र जैन, प्राचार्य अजित जैन, डायरेक्टर अगस्त 2005 जिनभाषित 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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