Book Title: Jinabhashita 2005 07
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 33
________________ पावन अवसर पर पूज्य मुनि श्री १०८ प्रमाणसागरजी महाराज | भरपुर सहयोग मेरी सफलता के स्वर्णिम पृष्ठ हैं। मुझे के मंगल आशीर्वाद से वेदी-शुद्धि एवं १००८ श्री पार्श्वनाथ | आई.ए.एस. की तैयारी के दौरान संस्थान में लोक-प्रशासन भगवान की जिनबिम्ब स्थापना की गयी। विषय के प्रशिक्षण का दो वर्षों तक का अवसर मिला है। मैं ज्ञातव्य है कि कोल्हुआ पहाड़ पर अनेक प्राचीन जैन | संस्थान की प्रबंध समिति के प्रति व जिन प्रशिक्षार्थियों को - प्रतिमायें एवं जैन शिलालेख उत्खनन में एवं चट्टानों में प्राप्त | पढ़ाया है उन्हें मैं कभी विस्मृत नहीं कर पाऊँगा।" हुए हैं। यह क्षेत्र पुरातात्विक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण सम्मान समारोह का आतिथ्य माननीय श्री ईश्वरदास है। कुछ समय पहले दुर्भाग्यवश मंदिरजी से मूलनायक | रोहाणी (म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष), माननीय श्री राकेश भगवान की प्रतिमा कछ असामाजिक तत्वों द्वारा चोरी कर | सिंह जी (सांसद) एवं माननीय श्री शरद एडवोकेट ली गयी थी। (विधायक) द्वारा किया गया। अजित जैन संस्थान गौरव श्री राहुल जैन एवं श्री अरविन्द श्रीवास्तव आई.ए.एस. में चयनित असम बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में श्री दिगम्बर जैन __ सम्मान व आशीष विद्यालय, गुवाहाटी की शानदार सफलता सत्र २००५ में यूपीएससी द्वारा आयोजित चयन- | हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मैट्रिक की परीक्षा में साक्षात्कार में संस्थान से संबद्ध श्री राहुल जैन एवं संस्थान | श्री दिगम्बर जैन विद्यालय, गवाहाटी (श्री दिगम्बर जैन के लोक-प्रशासन विषय के प्रशिक्षक श्री अरविन्द श्रीवास्तव पंचायत, गुवाहाटी द्वारा संचालित) ने शत-प्रतिशत सफलता आई.ए.एस में चयनित हए हैं, जो संस्थान व नगर के लिए | प्राप्त करके एक नवीन कीर्तिमान स्थापित किया है। इस वर्ष गौरव का विषय है। इस विद्यालय से कुल ७६ परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे थे, जिसमें उक्त चयनित द्वय श्री राहुल जैन एवं श्री अरविन्द | से सभी ने अच्छे अंकों से सफलता प्राप्त की। श्रीवास्तव के सम्मान में संस्थान-परिसर में दिनांक कपूरचन्द जैन पाटनी २६.०५.२००५ दिन गुरुवार को संध्या ७ बजे सम्मान व आशीष समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में संस्थान कांकरोली में विद्या-सुधा गुणाभिवंदन पुस्तक का के पदाधिकारीगणों सहित जैनपंचायतसभा, श्री पिसनहारी विमोचन मढ़िया क्षेत्र कमेटी, श्री गुरुकुल कमेटी, श्री ब्रह्म. विद्या अजमेर, २८ मई २००५ । परमपूज्य संतशिरोमणि आश्रम व समाज एवं नगर के अनेकों गणमान्य उपस्थित | | आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिपुंगव हुए। | १०८ श्री सुधासागर जी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में श्री राहल जैन ने कहा कि- "प.पू. १०८ आचार्य श्री दिनांक १५.०५.०५ से २०.०५.०५ तक कांकरोली में नूतन विद्यासागर जी महाराज का आशीष एवं संस्थान का सदभाव जिनालय की प्रतिष्ठा हेत आयोजित पंचकल्याणक महामहोत्सव मेरी सफलता का मुख्य आधार है। मैं अपने सेवाकाल में | के अंतर्गत दिनांक १७ मई २००५, जन्मकल्याणक शुभ पज्य गुरुवर द्वारा बताये मार्गों पर चल सकूँ तथा संस्थान व | दिवस को श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय महिला समिति अजमेर समाज के गौरव बढ़ाने की दिशा में निष्ठा व लगन से कार्य की अध्यक्षा श्रीमती सुशीला पाटनी धर्मपत्नी श्री अशोक करता रहूँ तो अपने को धन्य मानूँगा।" आपने अपनी सफलता | पाटनी (आर.के. मार्बल्स मदनगंज) की प्रेरणा से महामंत्री में स्वयं के कठोर परिश्रम का वर्णन करते हुए अपने परिवार श्रीमती निर्मला पांड्या द्वारा सम्पादित पुस्तक “विद्यासुधा को भी अपनी सफलता की नींव बताया। गुणभिवंदन' का विमोचन श्रीमती मुन्नी देवी (धर्मपत्नी श्री अरविन्द श्रीवास्तव, जो कि जिला एवं सत्र स्व. श्री राजेन्द्र गदिया, मातुश्री ज्ञानचंद गदिया सूरत-प्रवासी न्यायाधीश श्री ए.एन.एस. के सुपुत्र हैं एवं संस्थान के लोक अजमेर) के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर श्रीमती (प्रशासन के प्रशिक्षक हैं, ने कहा कि- "परिश्रम व पुरुषार्थ प्रेमलता गंगवाल (तिलक मार्बल मदनगंज) की ओर से करने में मैंने कोई कमी-कसर नहीं रखी थी, लेकिन मेरी सफलता के पीछे मेरे पिताजी का कडा अनुशासन, माताजी उस दिन स्टालों पर घटी हुई दरों पर पुस्तक विक्रय हेतु उपलब्ध कराई गयी। का वात्सल्य एवं बहिन की प्रेरणा के अतिरिक्त संस्थान का हीराचन्द जैन - जुलाई 2005 जिनभाषित 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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