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हैं। वे पाँचवी बार विधायक का चुनाव जीते हैं और वरिष्ठ विधायक हैं। पूर्व में सन् १९९० से १९९२ तक वे आवास एवं पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं और हाल ही में उन्हें भा.ज.पा. विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्ति किया गया है। मध्य प्रदेश मंत्री मण्डल के संभावित विस्तार में उनका नाम सबसे ऊपर है।
श्री हिम्मत कोठारी छठवीं बार विधायक बने हैं। वे रतलाम विधान सभा क्षेत्र से ३५९३ मतों से विजयी हुये हैं। पूर्व में सन १९९२ में श्री सुन्दर लाल पटवा के मंत्रीमण्डल में श्री कोठारी
लोक निर्माण विभाग के मंत्री रह चुके हैं। बार बुन्देलखण्ड क्षेत्र से किसी राजनीतिज्ञ का मुख्यमंत्री बनने पर
सागर विधान सभा क्षेत्र से श्रीमती सुधा जैन एडवोकेट अभिनंदन किया।
८५४२ मतों से विजयी होकर पुनः विधायक बनी हैं, वे तीसरी
बार विधायक पद पर चुनी गई हैं। पिछली विधान सभा में विपक्ष दूसरे चरण में कवि कैलाश मड़बैया का इसी अवसर पर
में रहते हुये भी उन्होंने अपने क्षेत्र की समस्याओं को जोरदार ढंग षष्टि समारोह भी राजधानी भोपाल की साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं ने गरिमापूर्ण समारोह में सम्पन्न किया।
से उठाया था।
श्री नरेश दिवाकर सिवनी विधान सभा क्षेत्र से लगातार ब्राह्मी लिपि एवं पाण्डुलिपि प्रशिक्षण शिविर
दूसरी बार विधायक चुने गये हैं। वे १५३५४ मतों से विजयी हुये सानंद सम्पन्न ।
हैं। श्री दिवाकर महाविद्यालय में अध्यापन तथा प्लाईवुड फैक्ट्री श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर (जयपुर) | का संचालन कर चुके हैं। द्वारा संचालित आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास में दिनांक २२ से २७ | उज्जैन उत्तर विधान सभा क्षेत्र से श्री पारस जैन १६५३७ दिसम्बर तक ब्राह्मीलिपि प्रशिक्षण शिविर संस्थान के उपअधिष्ठाता | | मतों से विजयी होकर विधायक बने हैं। पूर्व में भी वे दो बार श्रीराजमल जी बेगस्या एवं संस्थान के निर्देशक डॉ. श्री शीतलचन्द | विधायक रह चुके हैं। जी एवं ज्ञानसागर ग्रन्थमाला के सम्पादक ब्र. भरत भैया के निर्देशन कटनी शहर की विधान सभा सीट मुड़वारा से श्रीमती में शिविर सम्पन्न हुआ, जिस लिपि का ज्ञान भगवान ऋषभदेव ने अलका जैन एडवोकेट पहली बार विधायक बनी हैं। वे ११४५० अपनी पुत्री ब्राह्मी को दिया था, उसी विधा का ज्ञान बनारस से | मतों से विजयी रही हैं। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ पधारी डॉ. पुष्पा जैन ने समस्त विद्यार्थियों को दिया। पाण्डुलिपि | विधिवेक्ता स्व. निर्मल चन्द्र जैन की वे सुपुत्री हैं। म.प्र. की मुख्य के विषय में ज्ञान कराने के लिये डॉ. बद्धिप्रकाश जी भास्कर भी मंत्री सुश्री उमाभारती ने अपने प्रथम मंत्रिमण्डल में श्रीमती अलका पधारे।
जैन को स्कूली एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री बनाया है। संस्थान के अधीक्षक सुकान्त जैन छपारा, बसन्तलाल जबलपुर सेन्ट्रल विधान सभा क्षेत्र से श्री शरद जैन विधायक जैन, मनोज जैन घुबारा ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। बने हैं। वे २३५४ मतों से विजयी रहे हैं और पहली बार निर्वाचित
महावीर प्रसाद पहाडिया, मंत्री हुये हैं। म.प्र. में नौ जैन विधायक चुने गये, दो को मंत्री पद नीमच जिले की जावद विधान सभा सीट से श्री ओम सतना। मध्यप्रदेश विधान सभा के १ दिसम्बर २००३ में
प्रकाश सखलेचा विजयी रहे हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी हुये चुनावों में नौ जैन विधायक चुने गये हैं। इनमें से दो विधायक
को २६६२५ मतों के विशाल अन्तर से पराजित किया है। श्री राघवजी साँवला एवं श्रीमती अलका जैन को मंत्री मण्डल में
उपर्युक्त निर्वाचित जैन विधायकों में से श्री जयन्त भी शामिल किया गया है।।
मलैया, श्रीमती सुधा जैन, श्रीमती अलका जैन, श्री नरेश दिवाकर मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की शमशाबाद सीट से श्री |
और श्री शरद जैन दिगम्बर जैन हैं। अन्य ४ विधायक श्री राघवजी राघवजी साँवला २२३४१ मतों से विजयी हुये हैं। इन्हें नवगठित
सॉवला, श्री हिम्मत कोठारी, श्री पारस जैन, श्री ओमप्रकाश सखलेचा मध्यप्रदेश मंत्रिमण्डल में वित्त एवं योजना मंत्री बनाया गया है।
श्वेताम्बर जैन हैं। सभी नौ जैन विधायक भा.ज.पा. के हैं। मध्य श्री राघवजी पूर्व में एक बार विधायक, दो बार लोक सभा सदस्य प्रदेश के सागर, दमोह, जबलपुर और कटनी जिलों में दिगम्बर तथा राज्य सभा सदस्य रह चुके हैं।
जैन धर्मावलम्बियों की बहुतायत है और प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश के दमोह जिले की दमोह विधान सभा सीट से श्री | इन सभी जिलों में एक-एक जैन विधायक निर्वाचित हये हैं। जयन्त मलैया १२३२१ मतों से विजयी होकर पुनः विधायक बने
सुधीर जैन, सतना (म.प्र.)
- जनवरी 2003 जिनभाषित 31
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