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पत्थरों की डाटे चटकी हुई थीं। आजू-बाजू की दीवार मिट्टी से चिनी आदिनाथ की दो प्रतिमाएँ अत्यंत मनोज्ञ हैं जो कि आंशिकरुपसेखंडित हुई थी। सारी स्थितियों को देखते हुए विशेषज्ञों ने यह निर्णय लिया कि हैं। अभी यहाँ पर और भी प्रतिमाओं के प्रकट होने की संभावना व्यक्त वर्तमान स्वरूप को बदले बिना यहाँ कोई भी निर्माण संभव नहीं है। इस की जा रही है। वर्तमान में तीन शिखर और तीन वेदी से युक्त भव्य मंदिर
के निर्माण की योजना प्रस्तावित है जिसमें प्रतिमाओं की प्राचीनता को देखते हुये देशी पाषाण में बंदी बनाने की योजना है। लगभग 20 लाख
की लागत से सम्पन्न होने वाली इस योजना में श्री अशोक पाटनी महत् कार्य हेतु पंडित जगनमोहनलाल जी शास्त्री कटनी के सुपुत्र श्री (आर.के.मार्बल्स), श्री रतन लाल जी बैनाड़ा (आगरा), श्री सुरेशचंद प्रमोद कुमार जैन ने अपने सहयोगी श्री संतोष मालगुजार जिन्होंने यहाँ जी जैन (बिलहरी),श्री शंकरलाल जैन (कटनी),श्री वीरेन्द्र कुमार स्थित अपने पैतृक मंदिर का पूरा जीर्णोद्धार अपने द्रव्य से कराया एवं श्री लट्ट भईया, श्री बब्लू सरावगी आदि का विशेष योगदान प्राप्त हुआ है। विजय जैन विश्व एवं स्थानीय समाज के श्री सुरेश चंदजी जैन संप्रति बिलहरी नगरी में तीन जिनालय हैं, जिनमें से तीन शिखरों से (सुराजीलाल) एवं सुबोध जैन, ताराचंद जैन, कस्तूरचंद जैन, कैलाश युक्त बड़ा जैन मंदिर का जीर्णोद्धार अभी हाल में ही कटनी के चंद जैन, प्रेमचंद जैन, राजेश जैन एवं बालचंद जैन के साथ इस कार्य मालगुजार परिवार द्वारा कराया गया है, इस मंदिर का निर्माण उनके ही को संपन्न कराने में जुट गये। इस क्रम में श्रद्धालुओं का हर्ष तब और बढ़ पूर्वजों द्वारा कराया गया था।
गया जब मंदिर की
दूसरा जिन मंदिर अच्छी स्थिति में है तथा तीसरे मुख्य मंदिर पुरानी मिट्टी की दीवार में निर्माण कार्य चल रहा है। तीनों जैन मंदिरों का प्रबंधन स्थानीय समाज को हटाते समय वहाँ द्वारा किया जाता है। कटनी की दिगम्बर जैन समाज द्वारा भी समयदीवार के भीतर चिनी समय पर आपेक्षित सहयोग मिलता रहता है। हुई आठ और प्रतिमाएँ मंदिर जीर्णोद्धार समिति पूरी तत्परता से अपने कार्य में जुटी निकल पड़ी। इनमें हुई है। यह गुरुतर कार्य आप सबके सहयोग के बिना सम्पन्न नहीं एक ही फलक पर हो सकता। जैन संस्कृति की इस अनुपम धरोहर को सुरक्षित रखना अंकित प्रतिमाओं के हम सबका दायित्व है। युगल अत्यंत मनोज्ञ मंदिर जीर्णोद्धार समिति और बिलहरी की दिगम्बर जैन हैं। दोनों फलकों पर समाज सभी उदारमना धर्म प्रेमी बंधुओं से इस महत् कार्य को खडगासन मुद्रा में सम्पन्न कराने के लिये अधिक से अधिक दान राशि प्रदान करने की अंकित युगल अपील करती है, आपका थोड़ा सा सहयोग भी क्षेत्र के विकास के प्रतिमाओं को देखकर लिये मील का पत्थर बनेना। कृपया दान की राशि निम्न पते पर ब्रिटिश म्यूजियम भेजें लंदन स्थित भगवान् श्री पार्श्वनाथ दि. जैन पंचायती मंदिर, आदिनाथ और बिलहरी (कटनी) म.प्र. महावीर स्वामी की
स्वास्तिक ट्रेडिंग कम्पनी, नेहरु पार्क, कटनी (म.प्र.) प्रतिमाओं का सहज ही स्मरण हो आता है। इसके अतिरिक्त चार अन्य
अभियंता, भारत संचार निगम लिमिटेड, प्रतिमाएँ भी यहाँ से प्राप्त हुई हैं। जिसमें पद्मासन मुद्रा की भगवान
भोपाल
- सितम्बर 2003 जिनभाषित 29
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